उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की शिक्षक भर्ती परीक्षा मजाक बनकर रह गई है। टीजीटी-पीजीटी-2011 की परीक्षा में लगातार तीसरे दिन गलत सवाल पूछे गए। सबसे अधिक गड़बड़ी टीजीटी हिंदी के प्रश्न पत्र में सामने आई है। टीजीटी हिंदी में लगभग 20 प्रश्न गलत पूछे गए।
इसी प्रकार की गलती अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, जीव विज्ञान के प्रश्नपत्र में सामने आई है। गलत सवाल पूछे जाने से परेशान परीक्षार्थियों ने बड़ी संख्या में सवाल छोड़ दिए। गलत प्रश्न के कारण सवाल छोड़े जाने से परीक्षार्थियों की मेरिट पर असर पड़ सकता है। ऐसे में परीक्षा निरस्त करने की मांग उठी है। परीक्षार्थियों का कहना है कि किसी परीक्षा में कुल प्रश्नों के 10 फीसदी से अधिक सवाल की गलती पर परीक्षा निरस्त करने का नियम है। ऐसे में 125 प्रश्नों में 20 प्रश्न गलत होने पर 16 फीसदी सवाल ही गलत पूछ लिए गए। ऐसे में 10 फीसदी से अधिक सवाल गलत पूछे जाने पर परीक्षा निरस्त हो सकती है। इसी प्रकार गड़बड़ी टीजीटी अंग्रेजी की परीक्षा में मिली है। परीक्षार्थियों की शिकायत थी कि कई प्रश्नों के विकल्प एक से अधिक सही थे, कुछ में विकल्प ही नहीं दिया गया था। प्रश्नपत्र में बीच में प्रिंटिंग की गड़बड़ी के कारण सवाल अधूरे पूछे गए थे। इस बात को लेकर परीक्षार्थी परेशान रहे। केंद्र व्यवस्थापकों ने प्रश्नपत्र की गड़बड़ी से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने छात्रों से कहा कि वह अपनी शिकायत चयन बोर्ड से करें।
चयन बोर्ड की टीजीटी हिंदी की परीक्षा में बड़े पैमाने पर सवालों में वर्तनी की त्रुटि रही तो कई सवाल में दो-दो विकल्प सही होने से परीक्षार्थी असमंजस में रहे। टीजीटी हिंदी के ‘ए’ सीरीज में पहले प्रश्न से लेकर 123 प्रश्न तक गलती सामने आई है। प्रश्न संख्या एक में चौरासी वैष्णवन की जगह चौरासी वैष्णव लिखा था। परीक्षार्थियों ने चयन बोर्ड की ओर से प्रश्नपत्र के मॉडरेशन को लेकर सवाल खड़ा किया है। परीक्षार्थियों का कहना है कि इसी प्रकार की गलत पीजीटी हिंदी में भी सामने आई है।
परीक्षार्थियों ने बताया कि प्रश्न दो में रानी केतकी की कहानी की जगह रानी केती लिखा, प्रश्न पांच में सत्यार्थ प्रकाश की जगह सव्यार्थ प्रकाश लिखा, प्रश्न नौ में खुमान रासो की जगह खुभान रासो लिखा, प्रश्न 11 में सूफी काव्य धारा की जगह सुफी काव्य धारा लिखा, प्रश्न 43 में गुलकी बन्नों की जगह गुलाबी बन्नो लिखा, प्रश्न 65 में वीर रस की जगह वीर दास लिखा, छंद शासक की जगह छनद शासक एवं इसी प्रश्न में पतंजलि की जगह पंतजील लिखा, प्रश्न 80 में बनाफरी की जगह बनारसी लिखा, प्रश्न 81 में ब्राचड़ की जगह बाघड़ लिखा, प्रश्न 90 में देवनागरी लिपि मूलत: की जगह मुलत: लिखा, प्रश्न 100 में बादल का पर्यायवाची कौन नहीं है में जीमूत, मरकट की जगह जीभूत, भरकट लिखा, प्रश्न 101 में अर्वाचीन का विलोम पाषाणकालीन की पषाणकालीन लिखा, छाती के बल चलने वाले को एक शब्द उरद की जगह ऊरद लिखा, प्रश्न 106 में मालविकाग्निमित्रम की जगह भालविकाग्निभित्रम लिखा, इसी प्रश्न में भवभूति की जगह भवभुति लिखा, प्रश्न 108 में मालती माधव की जगह भालती भाधव लिखा, इसी प्रकार प्रश्न 123 में प्रजाभ्य: स्वस्ति की जगह प्रजाभ्य स्वस्ति लिखा है।
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इसी प्रकार की गलती अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, जीव विज्ञान के प्रश्नपत्र में सामने आई है। गलत सवाल पूछे जाने से परेशान परीक्षार्थियों ने बड़ी संख्या में सवाल छोड़ दिए। गलत प्रश्न के कारण सवाल छोड़े जाने से परीक्षार्थियों की मेरिट पर असर पड़ सकता है। ऐसे में परीक्षा निरस्त करने की मांग उठी है। परीक्षार्थियों का कहना है कि किसी परीक्षा में कुल प्रश्नों के 10 फीसदी से अधिक सवाल की गलती पर परीक्षा निरस्त करने का नियम है। ऐसे में 125 प्रश्नों में 20 प्रश्न गलत होने पर 16 फीसदी सवाल ही गलत पूछ लिए गए। ऐसे में 10 फीसदी से अधिक सवाल गलत पूछे जाने पर परीक्षा निरस्त हो सकती है। इसी प्रकार गड़बड़ी टीजीटी अंग्रेजी की परीक्षा में मिली है। परीक्षार्थियों की शिकायत थी कि कई प्रश्नों के विकल्प एक से अधिक सही थे, कुछ में विकल्प ही नहीं दिया गया था। प्रश्नपत्र में बीच में प्रिंटिंग की गड़बड़ी के कारण सवाल अधूरे पूछे गए थे। इस बात को लेकर परीक्षार्थी परेशान रहे। केंद्र व्यवस्थापकों ने प्रश्नपत्र की गड़बड़ी से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने छात्रों से कहा कि वह अपनी शिकायत चयन बोर्ड से करें।
चयन बोर्ड की टीजीटी हिंदी की परीक्षा में बड़े पैमाने पर सवालों में वर्तनी की त्रुटि रही तो कई सवाल में दो-दो विकल्प सही होने से परीक्षार्थी असमंजस में रहे। टीजीटी हिंदी के ‘ए’ सीरीज में पहले प्रश्न से लेकर 123 प्रश्न तक गलती सामने आई है। प्रश्न संख्या एक में चौरासी वैष्णवन की जगह चौरासी वैष्णव लिखा था। परीक्षार्थियों ने चयन बोर्ड की ओर से प्रश्नपत्र के मॉडरेशन को लेकर सवाल खड़ा किया है। परीक्षार्थियों का कहना है कि इसी प्रकार की गलत पीजीटी हिंदी में भी सामने आई है।
परीक्षार्थियों ने बताया कि प्रश्न दो में रानी केतकी की कहानी की जगह रानी केती लिखा, प्रश्न पांच में सत्यार्थ प्रकाश की जगह सव्यार्थ प्रकाश लिखा, प्रश्न नौ में खुमान रासो की जगह खुभान रासो लिखा, प्रश्न 11 में सूफी काव्य धारा की जगह सुफी काव्य धारा लिखा, प्रश्न 43 में गुलकी बन्नों की जगह गुलाबी बन्नो लिखा, प्रश्न 65 में वीर रस की जगह वीर दास लिखा, छंद शासक की जगह छनद शासक एवं इसी प्रश्न में पतंजलि की जगह पंतजील लिखा, प्रश्न 80 में बनाफरी की जगह बनारसी लिखा, प्रश्न 81 में ब्राचड़ की जगह बाघड़ लिखा, प्रश्न 90 में देवनागरी लिपि मूलत: की जगह मुलत: लिखा, प्रश्न 100 में बादल का पर्यायवाची कौन नहीं है में जीमूत, मरकट की जगह जीभूत, भरकट लिखा, प्रश्न 101 में अर्वाचीन का विलोम पाषाणकालीन की पषाणकालीन लिखा, छाती के बल चलने वाले को एक शब्द उरद की जगह ऊरद लिखा, प्रश्न 106 में मालविकाग्निमित्रम की जगह भालविकाग्निभित्रम लिखा, इसी प्रश्न में भवभूति की जगह भवभुति लिखा, प्रश्न 108 में मालती माधव की जगह भालती भाधव लिखा, इसी प्रकार प्रश्न 123 में प्रजाभ्य: स्वस्ति की जगह प्रजाभ्य स्वस्ति लिखा है।
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