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शिक्षकों की नौकरी में लग रहे फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट

जागरण संवाददाता, बदायूं : शिक्षा विभाग हो या फिर अन्य सरकारी विभाग इन विभागों में हुईं नई नियुक्तियों में फिटनेस के नाम पर फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए हैं। कुछेक की बात छोड़ें तो अधिकांश अभ्यर्थियों ने जिला अस्पताल में तैनात एक डाक्टर से बगैर किसी परीक्षण के प्रमाणपत्र हासिल कर लिए।
नियमों को दरकिनार कर जारी किए प्रमाण पत्रों की बात अब विभागीय अधिकारियों तक पहुंची है। डाक्टर की सियासी और विभागीय पैठ अच्छी होने की वजह से कोई भी जांच कराने का साहस नहीं जुटा पा रहा है। ऐसे में अगर सलीके से जांच हो जाए तो बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आएगा। सरकारी विभागों में नई नियुक्तियों के वक्त अभ्यर्थी का शारीरिक परीक्षण करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग से जारी फिटनेस सर्टिफिकेट लगने का प्रावधान है। इसके लिए बकायदा तीन डाक्टरों का पैनल गठित होता है और सभी विशेषज्ञ अपनी-अपनी रिपोर्ट देते हैं। रिपोर्ट फाइनल होने पर ही सक्षम अधिकारी इस प्रमाण पत्र को जारी करता है। तब जाकर वह किसी भी कार्य में लगाया जा सकता है। हैरत की बात तो यह है कि बदायूं में बगैर किसी नियम-कानून के फर्जी तौर पर सर्टिफिकेट जारी हो रहे हैं। जिला अस्पताल में तैनात एक डाक्टर फर्जी मुहर और खुद ही ¨प्रट कराए गए प्रमाण पत्र प्रोफार्मा पर इन प्रमाण पत्र को जारी कर रहा है। बात साल भर की करें तो एक दो नहीं हजारों प्रमाणपत्र जारी कर दिए गए हैं जिसमें अधिकांश सर्टिफिकेट शिक्षा और हाल ही में हुईं पुलिस विभाग की भर्तियों में लगे हैं। पांच सौ से लेकर हजार रुपये तक वसूलने के बाद डाक्टर से फर्जी तौर पर यह सर्टिफिकेट जारी करा दिए जाते हैं। इसको लेकर तमाम बार शिकायतें हुईं लेकिन कार्रवाई के नाम पर कोई आगे नहीं बढ़ा। जिला अस्पताल के ही इर्द-गिर्द घूमने वाले दलाल डॉक्टर से सांठगांठ कर यह फर्जीवाड़ा करने वालों में शामिल हैं।
सरकारी विभागों में लगने वाले फिटनेस सर्टिफिकेट पर फिजीशियन, आर्थो सर्जन और आई सर्जन की रिपोर्ट होनी चाहिए। इस रिपोर्ट के बाद हमारे कार्यालय से ही यह सर्टिफिकेट जारी होता है। ऐसे में कोई इकलौता डॉक्टर इसको जारी कर रहा है तो यह प्रमाणपत्र पूरी तरह से फर्जी माना जाएगा। किसी भी डॉक्टर को फिटनेस या फिर मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने का हक नहीं है। एक डॉक्टर की शिकायत मिली है जल्द ही जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ. एके गुप्ता, सीएमएस, जिला अस्पताल।
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