पांच हजार फर्जी मार्कशीट में दिए गए 75 से 90 फीसद अंक

आगरा: अंबेडकर विवि के बीएड फर्जीवाड़े में नए खुलासे हो रहे हैं। विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच में सामने आया है कि जितने रुपये, उतनी परसेंटेज की बात तय होने पर बीएड की फर्जी मार्कशीट जारी की गईं। कॉलेज के माध्यम से बुकिंग हुई और कर्मचारियों ने मार्कशीट तैयार कीं।
एसआइटी की जांच में सामने आई 5186 फर्जी मार्कशीट में 75 से 90 फीसद अंक दर्ज हैं।

विवि के बीएड सत्र 2005 की जांच हाईकोर्ट के आदेश पर एसआइटी कर रही है। 11 अगस्त को रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी। इसकी एक प्रति विवि प्रशासन को भी उपलब्ध करा दी है। सूत्रों के मुताबिक प्रकरण में गुरुवार से शनिवार तक एसआइटी ने कॉलेज संचालकों और विवि कर्मचारियों से पूछताछ की। इसमें सामने आया है कि फर्जी मार्कशीट के लिए 75 से दो लाख रुपये तक लिए गए। 75 हजार रुपये देने वाले को 75 फीसद और 90 हजार देने वालों को 90 फीसद नंबर की बीएड की फर्जी मार्कशीट जारी की गईं। बाद में मांग बढ़ी तो रेट बढ़ाकर दो लाख तक कर दिए गए, इसकी बुकिंग कॉलेज के माध्यम से की गई। जिन युवकों को फर्जी मार्कशीट जारी की गई हैं, उन्हें कॉलेज का छात्र दर्शाया गया है, जबकि न तो उन्होंने प्रवेश लिया और न ही परीक्षा दी । ऐसे में एसआइटी ने 67 कॉलेजों को भी आरोपी बनाया है।

लिस्ट लेने को लगा रहे चक्कर

एसआइटी ने फर्जी मार्कशीट का ब्योरा सॉफ्ट और हार्ड कॉपी में विवि को सौंप दिया है। इसे लेने के लिए कॉलेज संचालक और विवि के कर्मचारी लगे हुए हैं। वहीं, एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट में तीन दर्जन कर्मचारियों को आरोपी बनाया है, इसमें विवि के अधिकारी भी शामिल हैं।

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