शिक्षामित्रों के सम्बन्ध में आये दिन नई खबरें, पत्र-प्रपत्र सुनने देखने को मिल जाते है। उनसे सम्बंधित खबरों के बाद आप सभी की बैचैनी भी सातवें आसमान पर होती है। आप सभी से निवेदन है कि एक बहुत छोटी सी बात हमेशा याद रखिये........
"4सितम्बर2015 से 12सितम्बर 2015 तक इलाहाबाद हाइकोर्ट की लार्जर बैंच में मुख्य न्यायधीश डी बाई चंद्रचूड़ जी की अध्यक्षता में तथा सभी पक्षों की मौजूदगी में हुई मैराथन सुनवाई में ऐसा कोई पक्ष नही था, ऐसा कोई पत्र या प्रपत्र नही था, ऐसा कोई संविधान या संशोधन नही था जिस पर विस्तार पूर्वक बहस नही हुई थी या उसको आदेश में उल्लेखित नही किया गया है।"
अब सुप्रीम कोर्ट में कोई भी पक्ष अपनी दलील, पत्र-प्रपत्र आदि को बदल नही सकता है। ऐसा नही है कि हाइकोर्ट में कोई हलफनामा लगाया और अब सुप्रीम कोर्ट में संसोधन करके दूसरा लगा दें, चाहे वो पक्ष NCTE ही क्यों ना हो।
"इलाहाबाद हाइकोर्ट से 31मई13 को ए पी शाही जी द्वारा दिया गया आदेश, 20नबम्बर13 को अशोक भूषण जी द्वारा दिया गया आदेश या 12सितम्बर15 को मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ जी द्वारा दिया गया आदेश हो ये सभी सुप्रीम कोर्ट से भी अक्षरशः लागु किये जायेंगे।"
अतः इन भ्रामक खबरों से परेशान होने की आवश्यकता नही है। आवश्यकता है तो बस आपको गुमराह कर रहे आपके ही अपने नेताओं से सावधान रहने की और उन पर दबाब बनाने की। जिससे उक्त सभी आदेशों के पक्ष में तथा RTEएक्ट2009 के प्रदेश में पूर्णतः अनुपान में एक सशक्त आदेश प्राप्त किया जा सके।
इसके अतिरिक्त जहाँ तक प्रश्न नवम्बर2016 में आपकी वैधता समाप्त होने का है तो उससे कोर्ट को अवगत करा दिया गया है भविष्य में भी कराया जायेगा। टेट की वैद्यता या चुनाव की आचार संहिता का कोई प्रभाव भर्ती प्रक्रिया पर नही पड़ने दिया जायेगा।
शेष स्वस्थ रहें, सजग रहें
तथा सदा सकारात्मक रहें
आपका शुभेक्षु
मयंक तिवारी
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
"4सितम्बर2015 से 12सितम्बर 2015 तक इलाहाबाद हाइकोर्ट की लार्जर बैंच में मुख्य न्यायधीश डी बाई चंद्रचूड़ जी की अध्यक्षता में तथा सभी पक्षों की मौजूदगी में हुई मैराथन सुनवाई में ऐसा कोई पक्ष नही था, ऐसा कोई पत्र या प्रपत्र नही था, ऐसा कोई संविधान या संशोधन नही था जिस पर विस्तार पूर्वक बहस नही हुई थी या उसको आदेश में उल्लेखित नही किया गया है।"
अब सुप्रीम कोर्ट में कोई भी पक्ष अपनी दलील, पत्र-प्रपत्र आदि को बदल नही सकता है। ऐसा नही है कि हाइकोर्ट में कोई हलफनामा लगाया और अब सुप्रीम कोर्ट में संसोधन करके दूसरा लगा दें, चाहे वो पक्ष NCTE ही क्यों ना हो।
"इलाहाबाद हाइकोर्ट से 31मई13 को ए पी शाही जी द्वारा दिया गया आदेश, 20नबम्बर13 को अशोक भूषण जी द्वारा दिया गया आदेश या 12सितम्बर15 को मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ जी द्वारा दिया गया आदेश हो ये सभी सुप्रीम कोर्ट से भी अक्षरशः लागु किये जायेंगे।"
अतः इन भ्रामक खबरों से परेशान होने की आवश्यकता नही है। आवश्यकता है तो बस आपको गुमराह कर रहे आपके ही अपने नेताओं से सावधान रहने की और उन पर दबाब बनाने की। जिससे उक्त सभी आदेशों के पक्ष में तथा RTEएक्ट2009 के प्रदेश में पूर्णतः अनुपान में एक सशक्त आदेश प्राप्त किया जा सके।
इसके अतिरिक्त जहाँ तक प्रश्न नवम्बर2016 में आपकी वैधता समाप्त होने का है तो उससे कोर्ट को अवगत करा दिया गया है भविष्य में भी कराया जायेगा। टेट की वैद्यता या चुनाव की आचार संहिता का कोई प्रभाव भर्ती प्रक्रिया पर नही पड़ने दिया जायेगा।
शेष स्वस्थ रहें, सजग रहें
तथा सदा सकारात्मक रहें
आपका शुभेक्षु
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