जागरण संवाददाता, आगरा: बीएसए द्वारा सहायता प्राप्त विद्यालयों में की
गई नियुक्ति पर अब शासन की नजर पड़ गई है। इन नियुक्तियों में गड़बड़ी की
शिकायत हुई है। इसके अलावा भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे हैं।
शासन द्वारा सहायता प्राप्त प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों में शिक्षक और लिपिक वर्ग में नियुक्तियां हुई है। इन नियुक्तियों में पारदर्शिता न बरतने और भ्रष्टाचार के आरोपों की शिकायत शासन से हुई। इसके अलावा वित्तीय सहमति को लेकर भी सवाल खडे़ हुए। शनिवार को जांच करने आए अपर निदेशक बेसिक विनय कुमार पांडे ने नियुक्तियों के संबंध में पूछताछ की। उन्होंने नियुक्ति पटल देखने वाले बाबू से अभी तक हुई नियुक्तियों की फाइल मांगी। बाबू ने कुछ फाइलें उनके सामने प्रस्तुत भी की। अपर निदेशक ने बाबू से सभी नियुक्तियों की पूरी जानकारी तलब की है। एडी बेसिक गिरजेश चौधरी ने बताया कि पूरे प्रदेश में नियुक्तियों के संबंध में जानकारी मांगी गई है। अपर निदेशक ने भी इसके तहत ही जानकारी मांगी थी।
70 से ज्यादा हुर्ई नियुक्तियां
पिछले छह महीने में सहायता प्राप्त विद्यालयों में बीएसए ने 70 से ज्यादा नियुक्तियां की। इनमें कुछ विद्यालयों में मैनेजमेंट का भी विवाद है। नियुक्ति कराने में शिक्षक नेताओं ने भी सेटिंग की है।
कर्मचारियों की भी हो गई नियुक्ति
बीएसए द्वारा नियुक्ति में विभाग के कर्मचारियों की भी नौकरी लग गई। इसमें एक बाबू के बेटे का लिपिक, एक संविदा कर्मचारी का चयन शिक्षक और एक कर्मचारी के भाई का चयन लिपिक के रूप में हुआ। इन नियुक्तियों पर भी बीएसए की मेहरबानी के आरोप लग रहे हैं।
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शासन द्वारा सहायता प्राप्त प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों में शिक्षक और लिपिक वर्ग में नियुक्तियां हुई है। इन नियुक्तियों में पारदर्शिता न बरतने और भ्रष्टाचार के आरोपों की शिकायत शासन से हुई। इसके अलावा वित्तीय सहमति को लेकर भी सवाल खडे़ हुए। शनिवार को जांच करने आए अपर निदेशक बेसिक विनय कुमार पांडे ने नियुक्तियों के संबंध में पूछताछ की। उन्होंने नियुक्ति पटल देखने वाले बाबू से अभी तक हुई नियुक्तियों की फाइल मांगी। बाबू ने कुछ फाइलें उनके सामने प्रस्तुत भी की। अपर निदेशक ने बाबू से सभी नियुक्तियों की पूरी जानकारी तलब की है। एडी बेसिक गिरजेश चौधरी ने बताया कि पूरे प्रदेश में नियुक्तियों के संबंध में जानकारी मांगी गई है। अपर निदेशक ने भी इसके तहत ही जानकारी मांगी थी।
70 से ज्यादा हुर्ई नियुक्तियां
पिछले छह महीने में सहायता प्राप्त विद्यालयों में बीएसए ने 70 से ज्यादा नियुक्तियां की। इनमें कुछ विद्यालयों में मैनेजमेंट का भी विवाद है। नियुक्ति कराने में शिक्षक नेताओं ने भी सेटिंग की है।
कर्मचारियों की भी हो गई नियुक्ति
बीएसए द्वारा नियुक्ति में विभाग के कर्मचारियों की भी नौकरी लग गई। इसमें एक बाबू के बेटे का लिपिक, एक संविदा कर्मचारी का चयन शिक्षक और एक कर्मचारी के भाई का चयन लिपिक के रूप में हुआ। इन नियुक्तियों पर भी बीएसए की मेहरबानी के आरोप लग रहे हैं।
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