सुप्रीमकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को लगाई कड़ी फटकार, बिना रिकार्ड के अपील दाखिल करने का मामला

माला दीक्षित, नई दिल्ली बगैर रिकार्ड के अपील दाखिल करने के मामले में सुप्रीमकोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या राज्य में ऐसे ही चलता है क्रिमिनल जस्टिस  एडमिनिश्ट्रेशन।
अगर हत्या जैसे गंभीर मामले में रिकार्ड खो जाएगा तो कुख्यात अपराधी खुले घूंमेंगे। राज्य के क्रिमिनल जस्टिस एडमिनिश्टेशन पर चिंता जताते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में केस रिकार्ड पेश करने का आदेश दिया है। न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायाधीश अरुण मिश्र की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से माफी मांगते हुए अपील वापस लेने की लगाई जा रही गुहार ठुकराते हुए शुक्रवार को ये आदेश जारी किये। बात ये है कि आपराधिक मामले में निचली अदालत के रिकार्ड के बगैर उच्च अदालत में अपील नहीं सुनी जाती। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने हमीरपुर के हत्या के 29 साल पुराने मामले में निचली अदालत के रिकार्ड के बगैर ही सुप्रीमकोर्ट मे अपील दाखिल कर दी है। और तो और हाईकोर्ट ने 29 साल तक लंबित रही अपील को सिर्फ रिकार्ड न मिलने के कारण खारिज कर दिया था। 1 वकील ने वहां ये भी कहा था कि 74 मामले ऐसे हैं जिनमें अपील लंबित है और रिकार्ड गायब हो चुके हैं। इसके बावजूद राज्य की ओर से सुप्रीमकोर्ट में अपील दाखिल कर दी गई। जिस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव विधि को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा था। शुक्रवार को प्रदेश के प्रमुख सचिव (विधि) रंगनाथ पांडेय कोर्ट में पेश हुए। राज्य के एडवोकेट जनरल विजय बहादुर सिंह ने पांडेय की ओर से दाखिल किया गया स्पष्टीकरण हलफनामा कोर्ट के सामने रखा और कहा कि गलती से अपील दाखिल हो गयी है इसके लिए वे कोर्ट से माफी चाहते हैं। उन्होंने कहाकि अपील दाखिल करने की सलाह देने वाले संबंधित अधिकारियों चार्ज वापस ले लिया गया है। लेकिन पीठ इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुई। कोर्ट ने कहा कि यहां सवाल एक अपील का नहीं है बल्कि क्रिमिनल जस्टिस एडनिनिश्ट्रेशन का है। क्या राज्य में ऐसे ही क्रिमिनल जस्टिस एडमिनिश्टिेशन चलता है। इस पर सिंह ने कहा कि ये मामला बहुत पुराना है। अब हमने व्यवस्था बदली है। राज्य में सारा रिकार्ड डिजिटल किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा हमें केस रिकार्ड देखना है। चार सप्ताह में राज्य सरकार केस रिकार्ड पेश करे। इस मामले में कोर्ट 9 सितंबर को फिर सुनवाई करेगा।

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