अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को , अपना पक्ष बहुत मजबूत : प्रवीण श्रीवास्तव

जैसाकि आप सभी की जानकारी में है कि अपने मामले की अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होनी है तथा उसकी तैयारी के लिए पिछले कई दिनों से विनोद सोनी जी, डॉ नीलेश शुक्ला जी, अमित तिवारी जी, अखिलेश पाण्डेय जी आदि कई साथी दिल्ली में है
ताकि सभी अचयनित साथियों की तरफ से एक टॉप मोस्ट सीनियर एडवोकेट को अगली सुनवाई के लिए हायर किया जा सके।
दोस्तों अंतिम आदेश में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आपको हमारे आदेश के पालन करने में वास्तविक समश्या क्या है..??? अब सरकार का जबाब होगा कि हमारे पास पद नही है और यही हमारे लिए प्लस पॉइंट है।
एक ओर सरकार कहती है कि हमारे पास पद नही है दूसरी ओर यही सरकार उसी कोर्ट में ये प्रार्थना कर रही है कि समायोजित होने से बच गए शिक्षामित्रों को समायोजित करने की अनुमति प्रदान की जाये। अब एक ही विभाग में दो प्रकार की स्तिथि तो हो नही सकती कि "2011 से बीएड/टेट पास योग्य अभ्यर्थियों के लिए पद नही है और मानक ना पूरा करने वालों के लिए पद है।" तथा 1.24लाख पद तो पहले ही RTEएक्ट के पालन के नाम पर मानक ना पूरा करने वाले शिक्षामित्रों को दे ही दिए है जिस पर माननीय हाइकोर्ट का आदेश भी हमारे पक्ष में है।"
ये तो रही पहली स्तिथि और दूसरी स्तिथि हमारे चयन हेतु स्वयं कोर्ट ने बनाई है। जब उसके आदेश से 2012 में बीएड करने वाला और 30/11/11विज्ञापन में आवेदन भी ना करने वाले 83अंक पाये अभ्यर्थी नियुक्ति पा सकते है तो 90-95-99-104-110-115 नंबर पाने वाले नियुक्ति से कैसे दूर रह सकते है...?????
दोस्तों, 7दिसम्बर, 24फरबरी और 24अगस्त को हुए आदेश के बाद अपना पक्ष बहुत मजबूत है किन्तु एक समयबद्ध नियुक्ति का आदेश आना अभी शेष है तथा इसके बाद सरकार से उसका पालन भी करवाना है। इसीलिए हम एक टीम के रूप में और अन्य सभी साथियों के साथ हर संभव रास्तों पर चल रहे है ताकि अब हम सभी ओर ज्यादा दिन अपने अपने स्कूलों से दूर ना रहें।
अंत में एक वादा में अपने हर अचयनित भाई से करूँगा कि आपके चयन के लिए मैं अंतिम समय तक संघर्ष करूँगा और हमें धोखा देने वाले किसी भी व्यक्ति का पुरजोर विरोध भी।
आप का
प्रवीण श्रीवास्तव
उत्तर प्रदेश
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