शिक्षमित्रों का पूर्ण समायोजन ही हमारा लक्ष्य है : मिशन सुप्रीम कोर्ट

आज एक होने वाले बीएड बेरोज़गार की पोस्ट देखी, पढ़ कर एक कहावत याद आ गई कि *वहम का इलाज़ किसी के पास नहीं होता है। आप सब को पता ही है कि 6 जुलाई को stay एक धोखेबाज़ी थी, जिसमे पूरी चूक
राज्य सरकार की थी, वहां कोई ढंग का वकील ही नहीं था।
27 जुलाई को larger bench के गठन का आदेश कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद दिया इसमें किसी वकील का क्या रोल।12 सितम्बर को समायोजन रद्द इसलिए हुआ क्योकि शिक्षामित्रों के पास साक्ष्यों से लेकर वकीलों तक का अभाव था। अब बारी supreme court की है *28 नवम्बर तक एक नया धमाका होने वाला है जिसकी तैयारी पूर्ण कर ली गयी बस समय का इन्तजार है।* _मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप की ओर से एक रिट फाइल की जा है और हम वादा करते हैं कि सम्पूर्ण समायोजन जरुर होगा।_ *इसबार शिक्षामित्रों की training वैधता को सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रमाणित कराने के लिए हमने एक नयी रणनीति बनायी है जिसका खुलासा यहाँ नहीं कर सकते ताकि बीएड बीटीसी बेरोज़गारों के सर पे ये सर्प्राइज़ बम की तरह फूटे। सिर्फ इतना ही नहीं जबतक मिशन सुप्रीम कोर्ट की उक्त याचिकाएं निर्णीत न हों तब तक न किसी अन्य बेंच का फैसला आयेगा और न ही समायोजन केस निर्णीत होगा।* मिशन सुप्रीम कोर्ट आम शिक्षामित्रों का ग्रुप है और ये राज्य सरकार के भरोसे नहीं है। बीएड बीटीसी बेरोज़गारों के दिवा स्वप्न कभी पुरे न होने देने का हम वचन देते हैं।
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