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साढ़े तीन हजार कॉलेज शिक्षकों को राहत, अब शिक्षकों की प्रोन्नति पुराने नियमों पर

प्रमोशन में कठिनाई से जूझ रहे प्रदेश के राजकीय और अशासकीय सहायताप्राप्त महाविद्यालयों के लगभग साढ़े तीन हजार शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए शासन ने तय किया है कि 28 मई 2015 तक शिक्षकों की प्रोन्नति पुराने नियमों यानी यूजीसी रेगुलेशन 2000 के तहत ही होगी।
उनके प्रमोशन के लिए यूजीसी रेगुलेशन 2010 की करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रस्तावित एकेडमिक परफार्मेंस इंडिकेटर्स (एपीआइ) की गणना नहीं की जाएगी। शिक्षकों की प्रोन्नति पुराने नियमों के तहत रीफ्रेशर ओरियंटेशन के आधार पर ही होगी। 28 मई 2015 के बाद राजकीय और सहायताप्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों के प्रमोशन नये नियमों यानी यूजीसी रेगुलेशन 2010 के अनुसार ही होंगे।
उच्च शिक्षा विभाग ने इस बारे में मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया है। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति और प्रमोशन आदि के सिलसिले में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 30 जून 2010 को यूजीसी रेगुलेशन 2010 जारी किया था। राज्य सरकार ने 31 दिसंबर 2010 को शासनादेश जारी करके यूजीसी रेगुलेशन 2010 को विश्वविद्यालय शिक्षकों के लिए 30 जून 2010 से प्रभावी कर दिया। इस शासनादेश में कहा गया कि महाविद्यालय शिक्षकों के संबंध में यूजीसी रेगुलेशन 2010 को लागू करने के बारे में अलग से शासनादेश जारी किया जाएगा। फिर 28 मई 2015 को शासनादेश जारी किया।

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