हाई कोर्ट अपडेट : मिडिल भर्ती व BTC/SBTC की भर्ती ।आज दोपहर सवा दो बजे से चीफ जस्टिस श्री डीबी भोसले एवं जस्टिस श्री यशवंत वर्मा की पीठ में यूपी बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 के संशोधन 15 से हुयी भर्ती की सुनवाई हुई ।
वरिष्ठ वकील श्री अशोक खरे , सीनियर वकील श्री HN सिंह ने बहस की और शैलेंद्र ने भी अपना पक्ष रखा ।
पूर्व HCBA अध्यक्ष श्री आरके ओझा ने भी कोर्ट में मौजूद रहे।
सुनवाई कल भी होगी ।
आज बहस में अशोक खरे ने पक्ष रखा कि फुल बेंच के आदेश से टीईटी का भारांक अनिवार्य है और जस्टिस श्री अशोक भूषण की खंडपीठ नियमावली का संशोधन 15 रद्द कर चुकी है फिर भी स्टेट ने उसपर भर्ती की ।
सिलेक्टेड टीम की तरफ से वकीलों ने कोर्ट को बताया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है लेकिन न्यायमूर्ति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्टे नहीं किया है इसलिए मैं यह केस सुनूँगा ।
HN सिंह ने कोर्ट को बताया कि जब कई लोगों का गुणांक समान रहता है तब टीईटी का वेटेज दिया जाता है ।
हाई कोर्ट के सभी दिग्गज लॉयर CJ कोर्ट में मौजूद रहे । चीफ जस्टिस ने फुल बेंच क्यों बनी , एक्ट कब लागू हुआ , रूल कब अमेंड हुआ आदि सवाल पूंछे, इसके अतिरिक्त कई ऐसे सवाल दागे जिससे लगा कि अभी इनको मुकदमा समझने में काफी मसक्कत करनी पड़ रही है , जैसे कि संशोधन 12 को किसने चैलेन्ज किया , संशोधन 16 क्यों आया अदि-आदि ।
अभी तमाम वकीलों की बहस शेष है और मुकदमा शीघ्र निपटने की उम्मीद है ।
अभी सरकार को कोर्ट को रूल अमेंड , NCTE गाइडलाइन और नोटिफिकेशन आदि समझाना होगा अन्यथा कोई विवादित आदेश पास हो सकता है ।
यदि जस्टिस श्री चंद्रचूड रहे होते तो उनको समझने में आसानी होती ।
उम्मीद है कि अधिकतम संशोधन 15 से अब तक हुयी भर्तियां निरस्त भी की जा सकती हैं या फिर वेटेज के साथ नियुक्ति देने की बात हो सकती है ।
मामले का सुप्रीम कोर्ट में जाना तय है ।
आज उठते-उठते चीफ जस्टिस ने कहा कि टीईटी में 70 फीसदी और 60 फीसदी अंक पाने वाला एक साथ फाइट कैसे करेगा ?
शेष कल ..........................
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वरिष्ठ वकील श्री अशोक खरे , सीनियर वकील श्री HN सिंह ने बहस की और शैलेंद्र ने भी अपना पक्ष रखा ।
पूर्व HCBA अध्यक्ष श्री आरके ओझा ने भी कोर्ट में मौजूद रहे।
सुनवाई कल भी होगी ।
आज बहस में अशोक खरे ने पक्ष रखा कि फुल बेंच के आदेश से टीईटी का भारांक अनिवार्य है और जस्टिस श्री अशोक भूषण की खंडपीठ नियमावली का संशोधन 15 रद्द कर चुकी है फिर भी स्टेट ने उसपर भर्ती की ।
सिलेक्टेड टीम की तरफ से वकीलों ने कोर्ट को बताया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है लेकिन न्यायमूर्ति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्टे नहीं किया है इसलिए मैं यह केस सुनूँगा ।
HN सिंह ने कोर्ट को बताया कि जब कई लोगों का गुणांक समान रहता है तब टीईटी का वेटेज दिया जाता है ।
हाई कोर्ट के सभी दिग्गज लॉयर CJ कोर्ट में मौजूद रहे । चीफ जस्टिस ने फुल बेंच क्यों बनी , एक्ट कब लागू हुआ , रूल कब अमेंड हुआ आदि सवाल पूंछे, इसके अतिरिक्त कई ऐसे सवाल दागे जिससे लगा कि अभी इनको मुकदमा समझने में काफी मसक्कत करनी पड़ रही है , जैसे कि संशोधन 12 को किसने चैलेन्ज किया , संशोधन 16 क्यों आया अदि-आदि ।
अभी तमाम वकीलों की बहस शेष है और मुकदमा शीघ्र निपटने की उम्मीद है ।
अभी सरकार को कोर्ट को रूल अमेंड , NCTE गाइडलाइन और नोटिफिकेशन आदि समझाना होगा अन्यथा कोई विवादित आदेश पास हो सकता है ।
यदि जस्टिस श्री चंद्रचूड रहे होते तो उनको समझने में आसानी होती ।
उम्मीद है कि अधिकतम संशोधन 15 से अब तक हुयी भर्तियां निरस्त भी की जा सकती हैं या फिर वेटेज के साथ नियुक्ति देने की बात हो सकती है ।
मामले का सुप्रीम कोर्ट में जाना तय है ।
आज उठते-उठते चीफ जस्टिस ने कहा कि टीईटी में 70 फीसदी और 60 फीसदी अंक पाने वाला एक साथ फाइट कैसे करेगा ?
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