latest updates

latest updates

7TH PAY COMMISSION: सातवें वेतन के निर्धारण का शासनादेश जारी, यह होगा नया गुणांक, 3 महीने के अंदर लिखित रूप से देना होगा विकल्प

लखनऊ : शासन ने कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में वेतन निर्धारण का शासनादेश गुरुवार को जारी कर दिया है। शासनादेश में पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में वेतन निर्धारण की प्रक्रिया तय कर दी गई है।
1प्रत्येक कर्मचारी जो पहली जनवरी, 2016 को राज्य सरकार की पूर्णकालिक सेवा में था, उसका पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में वेतन निर्धारण इस शासनादेश के अनुसार किया जाएगा। हालांकि कोई सरकारी सेवक मौजूदा वेतनमान में उसकी अगली वेतनवृद्धि या किसी अनुवर्ती वेतनवृद्धि की तिथि तक या उसके पद रिक्त करने तक या उस वेतनमान में वेतन आहरण छोड़ने तक वर्तमान वेतनबैंड और ग्रेड वेतन/वेतनमान में वेतन पाने का विकल्प चुन सकता है। वर्तमान वेतन बैंड और ग्रेड वेतन/वेतनमान में बने रहने का विकल्प केवल
एक मौजूदा वेतनबैंड और ग्रेड वेतन/वेतनमानों में ही स्वीकार किया जाएगा। विकल्प की सुविधा पहली जनवरी 2016 को या उसके बाद सरकारी सेवा में किसी पद पर पहले नियुक्त होने वाले कार्मिक या किसी अन्य पद से स्थानांतरण द्वारा नियुक्त किये गए किसी कार्मिक के लिए स्वीकार नहीं होंगे। उसे केवल पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में ही वेतन प्राप्त करने की अनुमति होगी।
कार्मिक को अपना विकल्प लिखित रूप से तय प्रारूप पर देना होगा। यह विकल्प संबंधित कार्मिक के कार्यालयाध्यक्ष/विभागाध्यक्ष/नियुक्ति प्राधिकारी/वेतन पर्ची जारी करने वाले अधिकारी को इस शासनादेश यारी होने की तारीख से तीन महीने के अंदर देना होगा। इसके लिए कर्मचारी को अपने कार्यालय प्रमुख को एक वचनबंध भी देना होगा। वचनबंध प्राप्त किये बिना संबंधित कार्मिक का वेतन निर्धारण नहीं होगा। यदि कर्मचारी तीन महीने के अंदर विकल्प नहीं देता है तो मान लिया जाएगा कि उसने पहली जनवरी 2016 से लागू पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स अपनाये जाने का विकल्प चुन लिया है।
ऐसे चिकित्सा अधिकारी जिन्हें प्रैक्टिस बंदी भत्ता मिल रहा है, पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में उनके वेतन निर्धारण के लिए वर्तमान मूल वेतन को 2.57 से गुणा किया जाएगा और संशोधन पूर्व प्राप्त हो रहे प्रैक्टिस बंदी भत्ते पर महंगाई भत्ते के बराबर राशि जोड़ी जाएगी। इस प्रकार प्राप्त राशि वेतन मैटिक्स में उसी लेवल में तलाशी जाएगी। यदि वेतन मैटिक्स में प्रयोज्य लेवल की किसी कोष्ठिका में समरूप राशि विद्यमान है तो वही राशि उसका पुनरीक्षित मूल वेतन होगी। यदि प्रयोज्य लेवल में ऐसी कोई राशि कोष्ठिका में मौजूद न हो तो उसके मूल वेतन का निर्धारण वेतन मैटिक्स के उस प्रयोज्य लेवल में उससे ठीक अगली उच्चतर कोष्ठिका की राशि के स्तर पर किया जाएगा।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

latest updates