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29334 शिक्षक भर्ती में चयन/ नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल स्थगति करने के सन्दर्भ में सचिव बेसिक शिक्षा को पत्र दुर्गेश प्रताप सिंह की कलम से

शिक्षक भर्ती में चयन/ नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल स्थगति करने के सन्दर्भ में सचिव बेसिक शिक्षा को पत्र दुर्गेश प्रताप सिंह की कलम से
मिलिये 72825 प्रशिक्षु शिक्षक चयन के कुछ गुमराह लोगो से , इन्हे गुमराह किया गया है 72825 के चयनितों द्वारा । ये हैं हिमांशु राणा व समूह के लोग हैं । हिमांशु राणा व समूह ऐसे लोगो का समूह है जो न तो 72825 प्रशिक्षु शिक्षक चयन मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा न्यूनतम अंक(90/105 ) का क्राइटेरिया पूरा करते हैं न ही 29334 की एकेदेमिक मेरिट के गुणांकों मे कही खरे उतरते हैं ।
31 मार्च 2014 के बाद से ये बी एड योग्यताधारी प्राथमिक विद्यालयों
के लिए पूर्णतया अयोग्य घोषित हो चुके हैं फिर भी ये बीटीसी वालों की सीटों पर गिद्ध दृष्टि जमाये हुए हैं । इन्हे ऐसा लगता है की ये एकेदेमिक पे हुई सारी बीटीसी वालों की भर्तियाँ रद्द करा देंगे और सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर के बी एड की प्राइमरी मे एंट्री करा ले जाएंगे ।

बीटीसी ट्रेनी वेलफ़ेयर असोसियेशन की तरफ से ऐसे ही गिद्ध दृष्टि वाले लोगो के लिए 102/2016 याचिका दायर का नोटिस इशू कराया गया था । ऐसे लोगो का आड़े भी दृढ़तापूर्वक मुक़ाबला किया जाएगा ।
स्वयं को विधिवेत्ता समझने वाले इन लोगो को और 72825 के समस्त चयनित नेताओं को 1981 भर्ती नियमावली का 15 वन संशोधन फिर से पढ़ कर विचार करना चाहिए । 12 वें संशोधन मे उनका कैडर ही नही है जिसको वो सही साबित कराते आ रहे हैं जबकि 15वें मे उनके लिए कैडर है जो उन्हे कम से कम "शिक्षा मित्रों" के समकक्ष माने जाने से बचा लेगा ।
72825 के अचयनित जो इस समय चयनितों द्वारा गुमराह होकर 90/105 अंक न होने के बावजूद भी याची लाभ की माला जप रहे हैं अंतिम आदेश के समय उन्हे सुप्रीम कोर्ट मे ही हृदयाघात पड़ेगा लेकिन तब तक देर हो चुकी होगी । 72825 के अचयनित यदि चयनितों के पिछलग्गू न बनकर नए विज्ञापन के लिए लड़े होते तो आज स्थिति कुछ और होती मगर वो चयनितों द्वारा चली गयी गजब की चाल का शिकार हुए और टी ई टी मे 90/105 अंक न होने के बावजूद भी चयनितों के पिछलग्गू बनाकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।

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