सैकड़ों शिक्षामित्र समायोजित शिक्षक 32-33 हजार वेतन पाकर मौजमस्ती में

जागरण संवाददाता, एटा: शिक्षामित्रों ने स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल किए जाने को लेकर लामबंदी तेज कर दी है। वहीं विरोधियों द्वारा टीईटी परीक्षा में बैठने के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका की सुनवाई के लिए रणनीतिक तैयारी भी आरंभ कर दी है।
प्राथमिक शिक्षामित्रों ने अफसोस जाहिर किया है कि सैकड़ों शिक्षामित्र समायोजित शिक्षक 32-33 हजार वेतन पाकर मौजमस्ती में खो गए हैं, जो अपना मासिक शुल्क देना उचित नहीं समझते। यह प्रक्रिया ऐसे शिक्षामित्रों के लिए घातक साबित हो सकती है।
प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के मंडलीय अध्यक्ष राजेश गुप्ता, मंडलीय उपाध्यक्ष ओमेंद्र कुशवाह ने रविवार को शहर के शहीद पार्क स्थित प्राथमिक विद्यालय भवन में आयोजित बैठक में कहा कि शिक्षामित्रों को सबसे पहले कोर्ट कचहरी से हरहाल में छुटकारा पाना होगा। तभी वे सातवें वेतन आयोग का लाभ लेने में सफल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि मामूली मासिक शुल्क देने में आनाकानी करने वाले सैकड़ों शिक्षामित्रों की मानसिकता नकारात्मक और मौजमस्ती की हो गई है, जो उनके साथ-साथ अन्य शिक्षामित्रों के लिए भी घातक हो सकती है। महामंत्री हरिओम प्रजापति, मु. इशाक, सुनील चौहान और जिलाध्यक्ष मनोज यादव ने कहा कि बेसिक शिक्षाधिकारी के समक्ष जल्द ही मांग रखी जाएगी कि समायोजित शिक्षामित्रों को भी स्थानांतरण प्रक्रिया का लाभ दिया जाए। यदि शिक्षा विभाग उनके साथ भेदभाव की नीति अपनाता है तो शिक्षामित्रों को धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

इस दौरान बैठक में महिला मोर्चा की अनीता शाक्य, रमा मिश्रा, नीलम राठौर, रजना ¨सह, वीरवाला, प्रदीप राना, भूपेंद्र यादव, पूरन ¨सह यादव, संजय शर्मा, सुशील पचौरी, जसवीर ¨सह, मनीषा यादव, किरन शर्मा, बॉबी ¨सह, विमलेश, ऋषि कुमारी, अवधेश, मानिकचंद्र, ममता रिहाना, रीना, नेत्रपाल, भूरी ¨सह धनगर, मनोज कुमार, रामकुमारी, राखी, उदयवीर, राधा मृदुलेश, संतोष, गिरजा यादव, उपदेश, वंदना, शैलवाला, भगवती, जानकी, शैब्या आदि अनेक शिक्षामित्र मौजूद थे।
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