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अब बीएड विभाग को अलग से ग्रेड नहीं, एक ही संस्था का नैक से दो बार नहीं कराना होगा मूल्यांकन, नैक से मिलती है पांच वर्ष को ग्रेडिंग

बीएड विभाग को अलग से ग्रेड नहीं, एक ही संस्था का नैक से दो बार नहीं कराना होगा मूल्यांकन विश्व विद्यालयों व कालेजों को अब राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद (नैक) में बीएड विभाग की अलग से ग्रेडिंग कराने की जरूरत नहीं है। नैक ने अलग-अलग ग्रेडिंग की समाप्त कर दी है।

1 पहले बीएड व अन्य शैक्षिक विभागों का अलग-अलग मूल्यांकन होता था। इसके लिए नैक की अलग-अलग टीमें निरीक्षण करती थीं। बदली प्रक्रिया के तहत अब सभी विभागों व कार्यालयों का एक साथ मूल्यांकन किया जायेगा। दूसरी ओर अब सात के स्थान पर चार ग्रेडिंग प्वाइंट रखा गया है अर्थात अब सिर्फ ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ और ‘डी’ कटेगरी में से ही ग्रेड मिलेगा। 1नैक की तैयारी में जुटा विद्यापीठ1महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ अब नैक की तैयारी में जुट गया है। इस क्रम में सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) बनाने का काम तेज कर दिया गया है। रिपोर्ट फरवरी में नैक को भेजी जाएगी ताकि अक्टूबर तक मूल्यांकन कराया जा सके। विश्वविद्यालय के कर्मचारी इस कार्य में युद्ध स्तर पर जुट गए है।1ग्रेडिंग के आधार पर ही अनुदान1नैक से मूल्यांकन सभी उच्च संस्थानों के लिए बाध्यकारी है। नैक से प्राप्त ग्रेडिंग के अनुसार ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी )विश्वविद्यालयों को अनुदान मुहैया कराती है। ज्ञात हो कि नैक से मिलती है पांच वर्ष को ग्रेडिंग

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