दारोगा भर्ती पर सरकार से जवाब-तलब, सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमाडेंट की भर्ती के मामले में विशेष आरक्षित कोटे की रिक्त रह गई सीटों का मामला

विधि संवाददाता, इलाहाबाद : 4010 पदों पर सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमाडेंट की भर्ती के मामले में विशेष आरक्षित कोटे की रिक्त रह गई सीटों को सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से भरे जाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
इस कोटे की 226 सीटें नहीं भरी जा सकीं, जिसे अगली भर्तियों के लिए कैरीफारवर्ड (अग्रसारित) कर दिया गया है। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी विकास शर्मा और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। न्यायमूर्ति अमित स्थालेकर ने प्रदेश सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। 1अभ्यर्थियों का कहना है कि दारोगा भर्ती में कुछ अंक कम होने के कारण वह चयन से वंचित रह गए थे। यदि इन पदों को सामान्य वर्ग से भरा जाए तो वह चयनित हो जाएंगे। याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह के अनुसार 4010 दारोगाओं की भर्ती का विज्ञापन 19 मई, 2011 को आया था। इसका अंतिम परिणाम 25 जून, 2016 को घोषित किया गया। अंतिम परिणाम जारी होने पर पता चला कि विशेष आरक्षित कोटे (महिला, एक्स सर्विसमैन, स्वतंत्रता सेनानी आश्रित) को दिया जाने वाला क्षैतिज आरक्षण गलत तरीके से दिया गया। सभी महिला अभ्यर्थियों को क्षैतिज आरक्षण के तहत सामान्य की सीटों पर चयनित कर लिया गया। हाईकोर्ट के आदेश से इस त्रुटि को सुधार कर संशोधित परिणाम जारी किया गया। इसके बाद भी विशेष आरक्षित कोटे की 226 सीटें योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण रिक्त रह गई हैं जिसे अगली भर्ती के लिए कैरीफारवर्ड कर दिया गया। इसे लेकर याचिका दाखिल की गई कि कैरीफारवर्ड का नियम असंवैधानिक है। याचिका पर कोई निर्णय होने से पूर्व ही शासन ने सात अप्रैल, 2016 को प्रावधान में संशोधन करते हुए कैरीफारवर्ड का नियम समाप्त कर दिया। इसके बावजूद दारोगा भर्ती में रिक्त रह गई 226 सीटों को कैरीफारवर्ड कर दिया गया। 1याचिका में कहा गया कि रिक्त सीटों पर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग पहले ही याचिका में उठाई जा चुकी है। कैरीफारवर्ड का नियम भी सरकार ने स्वयं समाप्त कर दिया है। इसके बाद भी 226 रिक्त सीटों को अगली भर्ती के लिए रखना उचित नहीं है। इन पदों को भरा जाए।

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