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अध्यापक बच्चों में रखें समानता का भाव, सीमैट के निदेशक संजय सिन्हा ने शिक्षकों को दी हिदायत

इलाहाबाद : विद्यालय में पढ़ने वाले सभी बच्चे एक समान होते हैं। बच्चे किसी भी जाति, धर्म के हों, शिक्षक को उनके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। संवैधानिक रूप से सभी मनुष्य समान है, फिर भी सामाजिक भेदभाव विभिन्न रूपों में हमारे समाज में अभी भी व्याप्त है।
यह जरूर है कि उत्पीड़न की घटनाएं थोड़ा कम हुई हैं, उनके रूप बदलें हैं, आक्रामकता में कमी आयी है, लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है।
यह बात राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) के निदेशक संजय सिन्हा ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के वार्डनों के चार दिवसीय ‘सुरक्षा एवं संरक्षा’ विषयक प्रशिक्षण के तृतीय चक्र के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि अस्पृश्यता तथा जातीय भेदभाव अब समाप्त होने को है। जो लोग गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा तथा सुविधाओं रहित जीवन यापन करते हैं, उन्हें आज भी सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। शिक्षक का यह दायित्व है कि वह सभी बच्चों के साथ समान व्यवहार करें। बच्चों के मन में जाति, आर्थिक स्थिति आदि को लेकर किसी भी प्रकार की कुंठा नहीं होनी चाहिए। बच्चों को विकास का समान अवसर मिलना चाहिए। कार्यक्रम समन्वयक प्रभात कुमार मिश्र ने बताया कि विद्यालय में पढ़ने वाली बालिकाओं के सुरक्षा एवं संरक्षा के दृष्टिगत इस कार्यक्रम का निर्माण किया गया है, जिसमें शिक्षकों, बच्चों तथा अभिभावकों को इस दिशा में जागृत किया जाएगा।

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