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सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों को जल्द निर्णीत कराने हेतु दो से तीन नयी एसएलपी करूंगा फाइल : ॠषि श्रीवास्तव , भास्कर सिंह यादव

नमस्कार मित्रों सभी मित्र इस चुनावी माहौल में एवम् उससे के पहले से आज तक राजनीतिक पार्टियों को गालियां देते आए है। सभी अभ्यर्थी कभी समाजवादी पार्टी, कभी भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाजवाद पार्टी एवम् नाना प्रकार की पार्टियों को गालियां देते है
आपके साथ इन पार्टियों ने तो गलत किया ही है लेकिन कभी आप सभी ने यह सोचा है कि आप ७ दिसम्बर २०१५ के सुप्रीम कोर्ट के याचियों के आदेश के उपरान्त हर जिले में याची मेकरों की बाढ़ सी आयी । मित्रों कभी आपने यह सोचा है कि जिन याची मेकरों को मात्र एक आइए के मात्र शामिल होने के लिये १००० रूपये शुल्क से लेकर एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याची बनने के लिये १०००० रूपये तक शुल्क दिया। जबकि मित्रों आइए में न तो कोई कोर्ट फीस लगती है बस एक एओआर के माध्यम से कनेक्ट करा दिया जाता है। इसमें कुछ उत्तर प्रदेश के फायर ब्रांड याची मेकर धन्धे में उतरे । जिसमें पहले नम्बर पर हिमाँशू राणा जी जिन्होंने शिछा मित्रों को निकलवाकर सभी बीएड अभ्यर्थियों को नौकरी दिलवाने का ठेका लिया है हिमाँशू जी ने लगभग १०००० के ऊपर याची बनाए है। इसके उपरांत इन्हीं की श्रेणी में मयंक तिवारी टीम आती है इन्होंने भी लगभग १०००० के ऊपर याची बनाए है उसके बाद राम कुमार पटेल लगभग 5000 याची एवम् इसमें सबसे महान आत्मा की बात करता हूँ आगरा के अजय ठाकुर साहब की इन्होंने लगभग 5 से 7 हजार याची बनाए है इन्होंने याची शुल्क ११०० से बढ़ाकर ३१०० फिर 5100 इन महाकाल टीम के अध्यछ श्री अजय ठाकुर साहब ने याची शुल्क इस तरह रखा था जैसे किसी बहन या बेटी की शादी में नेग या न्यौछावर रखी जाता है। इसके याची बनने के उपरान्त जब २४ फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सभी आइए को कन्सीडर कर कोर्ट ने यह आदेश किया कि इन पर भी सरकार विचार करें। इस २४ फरवरी के आदेश को इन याची मेकर ने इस आदेश को सभी बीएड अभ्यर्थियों के सामने ऐसे प्रस्तुत किया जैसे सभी को नौकरी का ही आदेश हो गया हो। इसके तदुपरांत याची मेकरो ने सभी याचियों का वेरीफफिकेशन करना शुरु कर दिया एक जबरदस्ती का फार्म निकाल दिया और सभी शैछिक दस्तावेज़ की एक फाइल बनवाकर सबसे ऊपर याची वेरीफफिकेशन फार्म लगवाया गया। वेरीफफिकेशन की फीस 500 से लेकर ३१०० रूपये तक था। सबसे महँगा वेरीफफिकेशन महाकाल कम्पनी मतलब अजय ठाकुर साहब ने किया। ये महाकाल टीम मौसम के अनुसार याचियों को मूर्ख बनाती रही कभी वेरीफफिकेशन फार्म निकालती है तो कभी डाटा करेक्शन फार्म निकालकर याचियों को बेवकूफ बनाती है। अजय ठाकुर साहब महीने में एक उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में अवश्य पधारते है और हर बार बारादरी पार्क में याचियों का नाम दिखाते है कभी नाम सही कराने पर वसूली होती है तो कभी वकील खड़ा करने पर। जब आप सुबह अपना फेसबुक अकाउंट खोलते है तो किसी भी नेता की पोस्ट आपको मिले न मिले लेकिन इस महाकाल टीम चण्डालचौकड़ी की फोटो अवश्य मिलेगी और इनका स्लोगन महाकाल से शुरु होता है। ठाकुर साहब की टीम कुछ करे न करे लेकिन सुबह आपको फोटो अवश्य मिलेगी चाहे व भले वाशरूम की क्यों न हो। यदि याची के नाम पर ट्वायलेट भी करने जायेंगे तो फोटो अवश्य दिखायेंगे। महाकाल टीम सेल्फी एक्सपर्ट से लेकर मूर्ख बनाने में एक्सपर्ट है कैसे मौसम की तरह बदलकर नया पैतरा फेकना है और याचियों को मूर्ख बनाना है इसमें यह टीम मास्टर डिग्री प्राप्त किया है। महाकाल टीम के के नेता जो कि कानपुर निवासी कमलकान्त जी इन्हें भले ही एनसीटी और एसएलपी का फुल फार्म न मालूम हो लेकिन २००० की नोट ऐसे गिनते है जैसे इन्होंने याचियों को कमाकर दिये हो। इन याची मेकर से मैं सिर्फ इतना पूछना चाहूंगा कि आप सभी को स्टेट आफ यूपी ने कब अधिग्रहित किया था अब वेरीफफिकेशन याची मेकर करेंगे क्या वह जी•ओ• दिखा सकते है जिसमें डायरेक्टर बेसिक एजुकेशन ने आप सभी को वेरीफफिकेशन करने का चार्ज दिया था । एवम् वेरीफफिकेशन के साथ में जो फाइलें जमा हुई थी जिसमें अभ्यर्थियों के सभी शैछिक दस्तावेज़ जमा हुए थे वे किस कल्लू कबाड़ी के यहाँ तौलवा दी गई। मित्रों आप सभी राजनीतिक पार्टियों को गालियां देते है कभी आपने अपने इन आस्तीन केस साँपों इन याची मेकर की सच्चाई जाननी चाी है आपके माँ बाप और आपके ही अरमानों का बलात्कार करने वाले ये याची मेकर जिनकी औकात का पता आप पहले पता करें। जिन याची मेकरोकी औकात तम्बाकू खाने की नहीं थी आज आपके पैसो से ब्रांडेड शराब, ब्रांडेड कपड़े , सेडान कारें, शादी हनीमून पैकेज , गर्मियों की छुट्टियां हिल स्टेशन पर अय्याशियां ये सब आपके मेहनत की कमाई से की जाती है । जब आप सभी इस महगाई मे अपने बच्चों के लिये ५ रूपये की टाफी नहीं खरीद पाते है तो यह याची मेकर उसका १० गुना जब होटलों में खाना खाकर उतनी ट्रिप वेटरों को दे देते है। जितने ब्रांडेड याची मेकर है जिनके नाम ऊपर लिख चुका हूँ करोड़ों दबाये बैठे है लेकिन जब तारीख़ लगती है तो लगभग एक महीने पहले से अकाउंट सबसे पहले यही याची मेकर डालते है। लेकिन मित्रों जिस दिन तारीख़ होती है उसके एक दिन पहले शाम ६ बजे तक वकील फाइनल नहीं कर पाते है और सुप्रीम कोर्ट के ग्राउड से लेकर सीके दफ्तर तक सिरफ लड़ते है और जो पैसा अकाउंट में आता है वकील के नाम पर वह पूरा का पूरा गटक जाते है। मित्रों आप सभी मात्र इन सभी से यह पूछे कि जब आप सभी करोड़ों दबाये बैठे है तो बारम्बार शुल्क क्यों लिया जाता है। मित्रों मैंने भी जूनियर भर्ती में लड़ाईं मात्र 5 लोगों से शुरूआत की थी याची बाढ़ में हमारे साथ भी लगभग 500 अभ्यर्थी जुड़े और प्रत्येक अभ्यर्थी ने मुझे लगभग 5000 रूपये तक की आर्थिक मदद की लेकिन कभी अपने किसी भी अभ्यर्थी के साथ धोखा और फरेब नहीं किया। सभी अभ्यर्थियों को रिट से लेकर स्पेशल अपील में शामिल किया एवम भारत सरकार को लाखों रूपये कोर्ट फीस जमा की। हाईकोर्ट की 18 से २० रिटो में सभी अभ्यर्थियों को जोड़कर लगभग 99000 वैकेंसी अल्टरावायरस घोषित कराकर सुप्रीम कोर्ट में भी प्रवेश कर चुका हूँ। अपने सभी जूनियर के अभ्यर्थियों को एसएलपी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट लाया हूँ चाहता तो एक १०००० रूपये की आइए से सभी को जोड़ देता और सम्पूर्ण पैसा अपनी जेब में रखता लेकिन नहीं ३४३ के नाम से सुप्रीम कोर्ट में दो एसएलपी फाइल किया हूँ और लगभग 5000 रूपये कोर्ट फीस जमा किया हूँ । २२ फरवरी के के आदेश में हमारी दोनों एसएलपी में न है। अभी तक मैं सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुंच पाया था जैसे एक लाख वैकेन्सी खतम कराकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका हूँ वैसे ही जल्द ही सभी मुकदमों निर्णय कराकर जल्द ही आप सभी को रिजल्ट दे दूँगा। कल मैंने हरदोई जिले में अचयनितो की मीटिंग की सभी अभ्यर्थी मेरे साथ एकमत थे। मात्र हरदोई जिले के अभ्यर्थियों से ही सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों को जल्द निर्णीत कराने एवम् आप सभी इन लुटेरों से बचाने हेतु दो से तीन नयी एसएलपी फाइल करूंगा। मेरा सभी अभ्यर्थियों से करबद्ध निवेदन है कि इन ब्रांडेड याची मेकर से दूर रहे क्योंकि ये या तो ७२८२५ में चयनित है या ८३९ मे तदर्थ नियुक्ति पाये है ये आपके पैसो से सिर्फ ब्रांडेड शराब और ब्रांडेड अय्याशी ही करते है। अत: आप सभी मित्रों से मेरा निवेदन है कि एक अचयनित मोर्चे का संगठन खड़ा करें। जैसे कल मैंने हरदोई जिले से की है कुछ भाइयों ने इलाहाबाद व कानपुर से की है सभी भाई बहन बधाई के पात्र है जिन्होंने ने इन कुकुरमुत्तो को छोड़कर स्वयं लड़ाई की शुरूआत की है। मित्रों जल्द ही प्रदेश स्तरीय मीटिंग का आयोजन करूंगा वह भी बिना किसी भाई बहन से कोई भी शुल्क लिये। मुक़दमों को निर्णीत कराने के लिये हमारा हरदोई ही काफी है। अभी तक हमारा लोकस नहीं बनता था लेकिन मैं स्वयं दो एसएलपी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका हूँ मेरी सभी एसएलपी मुख्य मुकदमा ४३४७ के साथ टैग है। जल्द ही कम से कम पूरे उत्तर प्रदेश से १० एसएलपी और फाइल करूंगा कि मुकदमे जल्द निस्तारित हो। कल अजय ठाकुर साहब ने मुझसे कहा कि हरदोई के सभी अभ्यर्थियों का नाम हटा दूँगा तो इन साहब को बताना चाहूंगा कि जितना कानून जानते हो उतना कानून अपने पायजामे की जेब में रखता हूँ तुम तो तुम रहे तुम्हारे पिता जी को भी चुनौती देता हूँ कि किसी अभ्यर्थी का नाम तो दूर उसकाी स्पेलिंग भी हटकर दिखाये मित्र इतना कानून मैं भी जानता हूँ किसी एक अभ्यर्थी का नाम किसी याचिका से नहीं हटता और हटेगा तो खुद उसके चाहने से जब वह खुद एफिडेविट देगा कि उसका नाम याचिका से हटा दिया जाये तो मित्र अजय ठाकुर ये उन बीएड अभ्यर्थियों को मूर्ख बनाओ जिन्हे कानून का क अछर न आता हो। ठाकुर साहब परेशान न हो आप और आप जैसे सभी याची मेकरो की जल्द ही कमाई बन्द कराकर मुकदमा निर्णीत कराऊंगा। मित्र मात्र २० दिन का का समय दे उसके उपरान्त रोज सुप्रीम कोर्ट की काज लिस्ट चेक करें कहीं न कहीं रोज एसएलपी के माध्यम से मिलूंगा और सभी याची मेकरो को दिखाऊंगा कि ईमानदारी से मुकदमे कितनी जल्द निस्तारित होते है। मित्र मेरी यह पोस्ट सेव कर ले कभी कोई भी अकाउंट सार्वजनिक नहीं करूंगा। मात्र हरदोई जिले की टीम से मुकदमे निस्तारित करके दिखाऊँगा धन्यवाद
आपका शुभेच्छु
ॠषि श्रीवास्तव , भास्कर सिंह यादव
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