शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे केंद्रीय विद्यालय

नई दिल्ली : केंद्रीय विद्यालय इस समय शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। हालत यह है कि औसतन हर स्कूल में दस शिक्षकों की कमी है।
10 हजार से ज्यादा शिक्षकों की कमी की वजह से छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहे असर को देखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय ने इनकी नियुक्ति प्रक्रिया काफी तेज कर दी है।
देश भर के एक हजार से ज्यादा केंद्रीय विद्यालयों में 12 लाख से ज्यादा छात्रों की पढ़ाई की गुणवत्ता इन दिनों काफी प्रभावित हो रही है। इन विद्यालयों में इस समय अध्यापकों के 10,285 पद खाली हैं। हाल के वर्षो में यह कमी सबसे अधिक है। वर्ष 2014 में केंद्रीय विद्यालयों में 4,296 शिक्षकों की कमी थी, जबकि इसके अगले वर्ष यह घट कर 2,019 रह गई थी। मानव संसाधन विकास मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी इस बारे में कहते हैं कि इन पदों को जल्द से जल्द भरना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है। इसके लिए प्रक्रिया काफी तेजी से चल रही है और जल्द ही इन पदों को पूरी तरह भर लिया जाएगा। साथ ही वे कहते हैं कि छात्रों की समस्या को देखते हुए इन पदों पर नियुक्ति होने तक कांट्रैक्ट पर भी शिक्षक रखे गए हैं। हालांकि वे मानते हैं कि कांट्रैक्ट के शिक्षकों को लेकर कई तरह की समस्याएं आ रही हैं।
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