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छह हजार से अधिक पदों की भर्तियां फंसेंगी, साक्षात्कार व रिजल्ट घोषित करने में रोक से करीब छह हजार से अधिक पदों पर भर्तियां फंसने के आसार

इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के साक्षात्कार व रिजल्ट घोषित करने में रोक से करीब छह हजार से अधिक पदों पर भर्तियां फंसने के आसार हैं। इसमें पीसीएस आरओ-एआरओ जैसे अहम पद भी शामिल हैं।
इतना ही नहीं पीसीएस 2017 के लिए इस समय आवेदन लिए जा रहे थे और आरओ-एआरओ की भर्ती का
विज्ञापन निकालने की तैयारी थी, लेकिन सब ठप हो गया है। 1विधानसभा चुनाव में भर्तियों में भ्रष्टाचार भी अहम मुद्दा रहा है। सूबे की नई सरकार ने इस मामले में सबसे पहले उप्र लोकसेवा आयोग की भर्तियों पर रोक लगाकर शिकंजा कस दिया है। इसकी वजह है कि आयोग की भर्तियों में लगातार गड़बड़ियों के मामले रह-रहकर उजागर हो रहे थे। रायबरेली की सुहासिनी का मुद्दा तो संसद तक में गूंज चुका है। सरकार के इस कदम से आयोग में हड़कंप मच गया है, क्योंकि कई भर्तियां पूरी होने के कगार पर थी तो कई की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी। इनमें पीसीएस 2016 (633 पद) की मुख्य परीक्षा हो चुकी है। समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी आरओ-एआरओ 2015 (350 पद) की मुख्य परीक्षा हो चुकी है। आयोग में इस समय सहायक अभियोजन अधिकारी (90 पद) यानी एपीओ 2016 का साक्षात्कार चल रहा है। यही नहीं चिकित्सा विभाग के करीब पांच सौ पदों के लिए चयन प्रक्रिया गतिमान है। ऐसे ही सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा चयन 2015 (600 पद) की प्रक्रिया चल रही है। उधर, आयोग में पीसीएस 2017 (250 पद) के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा चयन 2016, आरओ-एआरओ 2016 और अन्य सीधी भर्तियों का विज्ञापन जारी करने की तैयारी थी। इसी के साथ स्टाफ नर्स महिला के 3390 पदों के लिए व प्रवक्ता डिग्री कालेज के करीब 300 पदों के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं।

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