नई दिल्ली । लोकसभा में बुधवार को बजट 2017-18 के तहत वित्तिय बिल पास कर दिया गया। इस बिल के पास होने के बाद 1 अप्रैल से इनकम ट्रैक्स से जुड़े नियम बदल जाएंगे।
1- जिन लोगों की सालाना आय 2.5 लाख से 5 लाख रुपये के बीच है तो उन्हें 10 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। इससे करदाताओं को 12,500 रुपये तक की बचत होगी। दूसरी तरफ जिन लोगों की आय 50 लाख से 1 करोड़ है, उनपर 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा।
2- जिन लोगों की सालाना आय 3.5 लाख रुपये तक है उनके टैक्स रिबेट को घटाकर 5,000 से 2,500 रुपये कर दिया गया है। आपको बता दें कि यह छूट 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों के लिए थी।
3- 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की सालाना आय वाले करदाताओं पर 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा। इसके अलावा 1 करोड़ रुपये से अधिक की आय वाले लोगों के सरचार्ज में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्हें पहले की तरह ही 15 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा।
4- नेशनल पेंशन सिस्टम से एक हिस्सा निकालने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार एनपीएस सब्सक्राइबर अपने कॉन्ट्रिब्यूशन का 25 फीसदी तक रिटायरमेंट से पहले निकाल सकता है, जबकि रिटायरमेंट पर 40 फीसदी तक की निकासी टैक्स फ्री होगी।
5- अब अचल संपत्ति की होल्डिंग पीरियड को 3 साल की बजाय 2 साल में ही लॉन्ग टर्म मान लिया जाएगा। इससे 2 साल से अधिक समय तक अचल संपत्ति रखने पर 20 फीसदी की छूट के साथ टैक्स देना होगा।
नया फैसला: अब पैन कार्ड बनवाने और ITR के लिए जरूरी होगा आधार ।
6- पहली बार सालाना 5 लाख रुपये से अधिक कर देने वालों की कैटागिरी के तहत रिटर्न फाइल करने वाले की स्क्रूटनी नहीं होगी। वहीं सालाना 5 लाख रुपये से अधिक टैक्स देने वाले करदाताओं को अब एक पेज का ही टैक्स रिटर्न फॉर्म भरना होगा।
7- यदि आप 2017-18 का टैक्स रिटर्न देरी से फाइल करते हैं तो 31 दिसंबर, 2018 तक 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके बाद फाइल करने पर 10,000 रुपये तक जुर्माना देना होगा। लेकिन 5 लाख रुपये तक की ही आय वाले लोगों के लिए यह फीस 1,000 रुपये तक ही रखी गई है।
8- टैक्स रिटर्न के रिवीजन की समय सीमा अब 2 साल की जगह 1 साल कर दी गई है।
नोट: टैक्स संबंधी जानकारी के लिए अपने सीए की साहयता लें। यह नियम बदलाव के तहत आए हैं।
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1- जिन लोगों की सालाना आय 2.5 लाख से 5 लाख रुपये के बीच है तो उन्हें 10 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। इससे करदाताओं को 12,500 रुपये तक की बचत होगी। दूसरी तरफ जिन लोगों की आय 50 लाख से 1 करोड़ है, उनपर 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा।
2- जिन लोगों की सालाना आय 3.5 लाख रुपये तक है उनके टैक्स रिबेट को घटाकर 5,000 से 2,500 रुपये कर दिया गया है। आपको बता दें कि यह छूट 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों के लिए थी।
3- 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की सालाना आय वाले करदाताओं पर 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा। इसके अलावा 1 करोड़ रुपये से अधिक की आय वाले लोगों के सरचार्ज में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्हें पहले की तरह ही 15 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा।
4- नेशनल पेंशन सिस्टम से एक हिस्सा निकालने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार एनपीएस सब्सक्राइबर अपने कॉन्ट्रिब्यूशन का 25 फीसदी तक रिटायरमेंट से पहले निकाल सकता है, जबकि रिटायरमेंट पर 40 फीसदी तक की निकासी टैक्स फ्री होगी।
5- अब अचल संपत्ति की होल्डिंग पीरियड को 3 साल की बजाय 2 साल में ही लॉन्ग टर्म मान लिया जाएगा। इससे 2 साल से अधिक समय तक अचल संपत्ति रखने पर 20 फीसदी की छूट के साथ टैक्स देना होगा।
नया फैसला: अब पैन कार्ड बनवाने और ITR के लिए जरूरी होगा आधार ।
6- पहली बार सालाना 5 लाख रुपये से अधिक कर देने वालों की कैटागिरी के तहत रिटर्न फाइल करने वाले की स्क्रूटनी नहीं होगी। वहीं सालाना 5 लाख रुपये से अधिक टैक्स देने वाले करदाताओं को अब एक पेज का ही टैक्स रिटर्न फॉर्म भरना होगा।
7- यदि आप 2017-18 का टैक्स रिटर्न देरी से फाइल करते हैं तो 31 दिसंबर, 2018 तक 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके बाद फाइल करने पर 10,000 रुपये तक जुर्माना देना होगा। लेकिन 5 लाख रुपये तक की ही आय वाले लोगों के लिए यह फीस 1,000 रुपये तक ही रखी गई है।
8- टैक्स रिटर्न के रिवीजन की समय सीमा अब 2 साल की जगह 1 साल कर दी गई है।
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