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नौकरी ढूंढने से बेहतर रोजगार पैदा करने वाले बनें: आने वाला समय बेशुमार अवसर लेकर आएगा

इलाहाबाद : राष्ट्रीय दायित्व को समेटे दैनिक जागरण के सात सरोकारों को रेखांकित करती विशेष कार्यशाला शुक्रवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज एवं शंभूनाथ इंजीनियरिंग संस्थान झलवा में आयोजित की गई जिसमें विषय विशेषज्ञ वैभव लिमाय और पीयूष रस्तोगी ने छात्रों को सफलता के मंत्र बताए।
एक दिवसीय कार्यशाला में दैनिक जागरण के राष्ट्रीय दायित्व एवं इसकी प्रासंगिकता को रोचक एवं प्रभावशाली ढंग से बताया गया। 1झलवा स्थित शंभूनाथ इंस्टीट्यूट में सुबह 11:30 कार्यक्रम की शुरूआत हुई। कार्यशाला में दिल्ली से आए विषय विशेषज्ञ वैभव लिमाय ने दैनिक जागरण के सातों प्रमुख सरोकार से प्रतिभागियों को परिचित कराया। सुशिक्षित समाज, स्वस्थ समाज, नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, गरीबी उन्मूलन और जनसंख्या नियोजन के महत्व को प्रतिभागियों को उदाहरणों के साथ समझाया। उन्होंने देश की प्रमुख चुनौतियों में करियर व एकेडेमिक के समन्वय को समाजिक स्तर के साथ जोड़ा। नौकरी और पढ़ाई को लेकर उन्होंने छात्रों से सोशल विजन बनाने की बात कही। उन्होंने छात्रों से पढ़ाई के बाद नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनने की बात कही। 1उन्होंने कई नए उद्यमियों का उदाहरण देते हुए कहा कि छात्रों को कॅरियर के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए। जयपुर राजस्थान के सोशल बिजनेस से जुड़े पीयूष रस्तोगी ने युवाओं से खुली आंखों से सपने देखने की बात कही। कहा कि छात्रों को पढ़ाई के बाद नौकरी करने नहीं बल्कि दूसरों को नौकरी देने वाला बनना चाहिए। छात्रों को सफल उद्यमियों की जीवन गाथा पढ़ने और उसका अनुसरण करने की बात कही। दूसरे सत्र में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मीडिया स्टडीज सेंटर में दोनो विशेषज्ञों ने अपने आइडिया शेयर करने को कहा। वैभव लिमाय ने जनहित जागरण अभियान के विषय में बताया। उन्होंने विद्यार्थियों से उनके आइडिया मांगे। बताया कि विद्यार्थियों को आइडिया देना चाहिए। यदि यह सेलेक्ट हो गया तो उन्हें दस लाख रुपये तक की सहायता दी जा सकती है। पीयूष दीक्षित ने अपने जीवन के अनुभव छात्रों के सामने शेयर किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में डिग्री के बाद भी रोजगार नहीं मिलने के कई कारणों में जहां दक्षता की कमी है तो दूसरी ओर सोच की भी। कहा कि हम नौकरी करना चाहते हैं जबकि खुद का बिजनेस शुरू करने से डरते हैं। उन्होंने जनहित जागरण के उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि छात्र और छात्रएं जिनके पास किसी उद्यमिता को शुरू करने को लेकर कोई आइडिया है वह अवश्य बताएं। मीडिया स्टडीज के कोर्स कोआर्डिनेटर धनंजय चोपड़ा ने जागरण की इस पहल को सामाजिक सरोकारों के संरक्षण की कड़ी में महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम के अंत में दोनों स्थानों पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। 1दैनिक जागरण की पहल हमें कॅरियर की नई राह दिखाती है। देश युवाओं का है और आने वाला समय युवाओं के लिए बेशुमार अवसर लेकर आने वाला है। 1रश्मि1दैनिक जागरण जिस तरह से युवाओं के लिए नए-नए अवसर लाता है, निश्चित ही यह सराहनीय पहल है। यह प्रयास आगे भी इसी तरह जारी रहे। 1अभिषेक शुक्ल1दरअसल अब समय बदल रहा है। इस परिवर्तन के दौर में जिस तरह जागरण युवाओं का मार्गदर्शन कर रहा है, निश्चित ही सराहनीय है। 1निशांत सिंह1सभी को सपने देखने का हक है। युवा पीढ़ी अपने सपने संजोये है। जागरण की पहल युवाओं के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। 1शोमेंद्र शुक्ल 1हम सभी दिन-रात मेहनत करते हैं, मगर कभी-कभी भटकाव की स्थिति आ जाती है। जागरण एक ऐसा प्लेटफार्म है, जो हमारा सही मार्गदर्शन करता है। 1सैयद निजाम अब्बास1रास्ता कितना ही दुर्गम क्यों न हो, उचित मार्गदर्शन से मंजिल मिल ही जाती है। उसी तरह से जागरण भी युवाओं का मार्गदर्शन कर रहा है और हम सभी सफल होंगे। 1राकेश कुमार 1वर्तमान परिस्थितियों को देखकर कभी-कभी निराशा होती है और मंजिल की राह कठिन लगने लगती है। मगर जागरण हमेशा ही युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत रहा है। 1रमेश चंद्र शुक्ल1जागरण इसी तरह युवा पीढ़ी के लिए नई-नई जानकारियां देता रहे। हम सभी जागरण की पहल के कायल हैं। ऐसे में बेहतर भविष्य की उम्मीद बनती है।1कमलेश त्रिपाठी1दैनिक जागरण वास्तव में युवाओं के लिए समय-समय पर काफी कुछ करता रहता है। जिससे सीख मिलती है। हर बार की तरह इस बार भी जागरण की पहल शानदार रही। 1अमित सिंह।इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मीडिया स्टडीज सेंटर में आयोजित कार्यशाला में छात्रों से संवाद करते वैभव लिमाय ’ जागरणशंभूनाथ इंजीनियरिंग संस्थान में आयोजित कार्यशाला में प्रतिभागियों को संबोधित करते पीयूष रस्तोगी ’ जागरणदैनिक जागरण के कार्यक्रम में आकर बहुत कुछ सीखने और समझने का मौका मिला। ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं को बेहतर भविष्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने के साथ ही एक उर्जा भी मिलती है। जो हमको आगे बढ़ाने में मददगार साबित होती है। इस तरह के कार्यक्रम हमेशा होते रहने चाहिए। 1शांभवी शुक्ला।इविवि के मीडिया.स्टडीज के कोर्स कोआर्डिनेटर. धनंजय.चोपड़ा ने जागरण की इस पहल को सामाजिक सरोकारों के संरक्षण की कड़ी में महत्वपूर्ण बताया।

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