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अकादमिक भर्ती पूर्ण रूप से वृहद पीठ से निर्णीत फैसले से प्रभावित: एक विश्लेषण मिशन सुप्रीम कोर्ट & संघ टीम की कलम से

अकादमिक भर्ती पूर्ण रूप से वृहद पीठ से निर्णीत फैसले से प्रभावित: एक विश्लेषण

कुछ दिनों से अकादमिक भर्तियों में टेट अंको के वेटेज को जोड़कर भर्ती पूर्ण करने की बात टेट मेरिट अभ्यर्थियों द्वारा कही जा रही है।

आइये हम आपको बताते चले कि वो ऐसा करने को क्यों प्रयासरत रहते हैं?
हाइकोर्ट इलाहाबाद की वृहद पीठ ने शिवकुमार शर्मा (CMWP-12908/13) के 31/05/2013 के आर्डर में वेटेज को अनिवार्य मानकर लिखा.....

We wish to clarify that the binding effect of the notification and the guidelines is such that the weightage which is contemplated under the guidelines dated 11 Feb.2011 can not be ignored.

(अर्थात यहाँ ये स्पष्ट करना है कि ncte के 11/2/11 के नोटिफिकेशन में दर्ज वेटेज को कोर्ट मानने से इनकार नही कर सकती, मतलब टेट वेटेज बाध्यकारी माना जायेगा।)

⚒इस उपरोक्त आदेश की वजह से आज अकादमिक भर्ती वेटेज रूपी झूले में झूल रही है। इसी आदेश की वजह से ही आज तक सभी अकादमिक भर्तियां मा0 हाई कोर्ट से हारती चली आई।

इतना ही नही कोर्ट ने वेटेज को कितना बाध्यकारी कहा , ये भी बताते चले...
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Apart from this, the state government has to take notice of the fact that weightage has to be given in the recruitment process as well.

(अर्थात राज्य सरकार को इस उद्देश्य से नोटिस जारी की जाए कि 23 अगस्त 2010 के बाद सभी अध्यापक चयन प्रक्रिया में उसे टेट अंको का वेटेज देना पड़ेगा)

⚒जबकि राज्य सरकार ने 2010 से आज तक किसी भी भर्ती प्रक्रिया में वेटेज नही दिया। इसलिए टेट मेरिट धारी राज्य सरकार को हाइकोर्ट के विभिन्न पायदानों में हराते चले आये।

⚖ इन्ही सब मामलो की व्याख्या अब मा0 सुप्रीम कोर्ट में विस्तृत रूप से होगी। जिसकी पृष्ठभूमि भी मा0 जस्टिस श्री दीपक मिश्र जी ने तैयार कर दी है।
®मिशन सुप्रीम कोर्ट & संघ टीम
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