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तबादलों पर लगा प्रतिबंध, मुख्य सचिव का अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों को फरमान

स्थानांतरण सत्र समाप्त होने के बाद भी लगातार हो रहे तबादलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब विशेष
परिस्थितियों में ही मुख्यमंत्री की संस्तुति पर तबादले होंगे। तय सीमा तक तबादले के विचाराधीन प्रस्ताव भी 14 अगस्त के बाद स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
दरअसल, चार माह पहले ही सूबे की सत्ता संभालने वाली योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के 30 जून तक ही तबादले करने का फैसला दो मई को किया था। वार्षिक स्थानांतरण नीति के तहत 31 मार्च को कट ऑफ डेट मानते हुए 20 फीसद की सीमा तक राज्यकर्मियों के तबादले होने थे। गौर करने की बात यह है कि सरकार ने सभी विभागीय अफसरों को नीति का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की हिदायत देते हुए 30 जून तक तबादले की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे इसके बावजूद ज्यादातर विभागों में धड़ल्ले से तबादले का खेल चल रहा है। स्थिति यह है कि जून के बाद जुलाई और अब अगस्त चल रहा है लेकिन विभागों द्वारा स्थानांतरण नीति से शिथिलता प्रदान करते हुए तबादले का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजे जा रहे हैं। 1इसको गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव का कहना है कि वर्तमान में बाढ़ आपदा प्रबंध, स्वच्छता अभियान, शासकीय योजनाओं व जनशिकायतों का तेजी से निस्तारण किया जाना है इसलिए तत्काल प्रभाव से तबादलों को प्रतिबंधित किया जाता है। सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव को पत्र लिखकर मुख्य सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अब 14 अगस्त तक सिर्फ उन विभागों के तबादले संबंधी प्रस्ताव स्वीकार किए जाएंगे जिनमें 20 फीसद की सीमा तक स्थानांतरण प्रस्ताव विचाराधीन है।

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