जागरण संवाददाता, हमीरपुर : सुमेरपुर ब्लाक के प्राथमिक स्कूल सिड़रा में
तैनात दबंग शिक्षामित्र स्कूल नहीं आता। हेडमास्टर की ओर से सख्ती बरती गई
तो वह उन्हें नौकरी न करने देने की धमकी देता है। इस मामले की शिकायत
अधिकारियों से की गई, लेकिन अधिकारी इस ओर गंभीर नहीं दिए।
जहां एक ओर शासन परिषदीय स्कूलों की स्थित सुधारने के लिए नई-नई योजनाएं तैयार कर रही है, वहीं जिले के जिम्मेदार अधिकारी गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। इसी प्रकार का एक मामला सुमेरपुर विकास खंड के सिड़रा प्राथमिक स्कूल में देखने को मिला। यहां पर हेडमास्टर संध्या त्रिपाठी के साथ सहायक अध्यापक जयप्रकाश व गांव का ही शिक्षामित्र सुरेंद्र यादव तैनात है। शिक्षामित्र महीने में एक दिन स्कूल पहुंच कर उपस्थित रजिस्टर में उपस्थित दर्ज कर चला जाता है। जब हेडमास्टर इसका विरोध करती है तो वह उन्हे गांव में नौकरी न करने देने की धमकी देता है। हेडमास्टर ने इसकी शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी विनय विश्वकर्मा से शिकायत की थी। हेडमास्टर संध्या त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षामित्र चार दिसंबर से लगातार गैरहाजिर है। छह दिसंबर को उन्होंने फोन कर कहा कि उपस्थित रजिस्टर में मेडिकल अवकाश चढ़ा दो। वहीं सहायक अध्यापक जयप्रकाश का भी रवैया बच्चों के प्रति संवेदनशील नहीं है। उनको खेलकूद प्रतियोगिता की तैयारी के लिए स्कूल से अवकाश दे दिया गया। कक्षा तीन की छात्रा अवनी सहित अन्य बच्चों ने भी बताया कि सुरेंद्र यादव स्कूल नहीं आते है। अगर वह कभी आ भी जाते है तो हम लोगों के साथ मारपीट करते है।
गैस सिलेंडर होने के बाद भी चूल्हे में पकता मिड डे-मील
स्कूल में शासन की ओर से गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया गया है। जो कमरे में रखा स्कूल की शोभा बढ़ा रहा है। बच्चों के लिए पकने वाला मिड डे-मील स्कूल के एक कोने में चूल्हे में बनाया जाता है। इस संबंध में हेडमास्टर ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व तक गैस में भी खाना बनता था। शिक्षामित्र का भाई गैस चूल्हा अपने निजी काम से ले गया है। गैस चूल्हा ले जाने के लिए मना भी किया गया था, इसके बाद भी वह गैस चूल्हा उठा ले गया। उसको गैस चूल्हे को तोड़ कर स्कूल में रख दिया है। उसको सही कराया जाएगा। इसके बाद गैस में भोजन बनवाया जाएगा।
बच्चों को नहीं मिले जूते-मोजे
स्कूल में मौजूद बच्चे ठंड के मौसम में भी बिना जूते-मोजे पहने स्कूल आ रहे है। इस संबंध में हेडमास्टर ने कहा कि स्कूल को जूते-मोजे उपलब्ध हो गए है। अकेले होने के कारण बच्चों को बांट नहीं पाए है। शनिवार को बच्चों को जूते-मोजे दे दिए जाएंगे।
- शिक्षामित्र नहीं आ रहा है, इसकी जानकारी है, जितने दिन वह स्कूल नहीं जाएगी उतने दिन का वेतन रोक दिया जाएगा, हेडमास्टर से बोल दिया गया है, कि अगर वह दोबारा जबरन उपस्थित रजिस्टर पर हस्ताक्षर करता है तो उनको इसकी जानकारी दे, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- राजेश श्रीवास, बेसिक शिक्षा अधिकारी।
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जहां एक ओर शासन परिषदीय स्कूलों की स्थित सुधारने के लिए नई-नई योजनाएं तैयार कर रही है, वहीं जिले के जिम्मेदार अधिकारी गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। इसी प्रकार का एक मामला सुमेरपुर विकास खंड के सिड़रा प्राथमिक स्कूल में देखने को मिला। यहां पर हेडमास्टर संध्या त्रिपाठी के साथ सहायक अध्यापक जयप्रकाश व गांव का ही शिक्षामित्र सुरेंद्र यादव तैनात है। शिक्षामित्र महीने में एक दिन स्कूल पहुंच कर उपस्थित रजिस्टर में उपस्थित दर्ज कर चला जाता है। जब हेडमास्टर इसका विरोध करती है तो वह उन्हे गांव में नौकरी न करने देने की धमकी देता है। हेडमास्टर ने इसकी शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी विनय विश्वकर्मा से शिकायत की थी। हेडमास्टर संध्या त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षामित्र चार दिसंबर से लगातार गैरहाजिर है। छह दिसंबर को उन्होंने फोन कर कहा कि उपस्थित रजिस्टर में मेडिकल अवकाश चढ़ा दो। वहीं सहायक अध्यापक जयप्रकाश का भी रवैया बच्चों के प्रति संवेदनशील नहीं है। उनको खेलकूद प्रतियोगिता की तैयारी के लिए स्कूल से अवकाश दे दिया गया। कक्षा तीन की छात्रा अवनी सहित अन्य बच्चों ने भी बताया कि सुरेंद्र यादव स्कूल नहीं आते है। अगर वह कभी आ भी जाते है तो हम लोगों के साथ मारपीट करते है।
गैस सिलेंडर होने के बाद भी चूल्हे में पकता मिड डे-मील
स्कूल में शासन की ओर से गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया गया है। जो कमरे में रखा स्कूल की शोभा बढ़ा रहा है। बच्चों के लिए पकने वाला मिड डे-मील स्कूल के एक कोने में चूल्हे में बनाया जाता है। इस संबंध में हेडमास्टर ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व तक गैस में भी खाना बनता था। शिक्षामित्र का भाई गैस चूल्हा अपने निजी काम से ले गया है। गैस चूल्हा ले जाने के लिए मना भी किया गया था, इसके बाद भी वह गैस चूल्हा उठा ले गया। उसको गैस चूल्हे को तोड़ कर स्कूल में रख दिया है। उसको सही कराया जाएगा। इसके बाद गैस में भोजन बनवाया जाएगा।
बच्चों को नहीं मिले जूते-मोजे
स्कूल में मौजूद बच्चे ठंड के मौसम में भी बिना जूते-मोजे पहने स्कूल आ रहे है। इस संबंध में हेडमास्टर ने कहा कि स्कूल को जूते-मोजे उपलब्ध हो गए है। अकेले होने के कारण बच्चों को बांट नहीं पाए है। शनिवार को बच्चों को जूते-मोजे दे दिए जाएंगे।
- शिक्षामित्र नहीं आ रहा है, इसकी जानकारी है, जितने दिन वह स्कूल नहीं जाएगी उतने दिन का वेतन रोक दिया जाएगा, हेडमास्टर से बोल दिया गया है, कि अगर वह दोबारा जबरन उपस्थित रजिस्टर पर हस्ताक्षर करता है तो उनको इसकी जानकारी दे, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- राजेश श्रीवास, बेसिक शिक्षा अधिकारी।
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