इलाहाबाद : यूपी बोर्ड के करीब 25 हजार विद्यालयों में नए सत्र से बदला हुआ पाठ्यक्रम लागू होना है। बोर्ड प्रशासन पाठ्यक्रम बदलने की तैयारियां पूरी कर चुका है साथ ही शासन ने भी इस पर मुहर लगा दी है।
ऐसे में छात्र-छात्रओं को नए सत्र से पहले ही एनसीईआरटी की तर्ज पर तैयार पाठ्यक्रम के अनुरूप पुस्तकें मुहैया कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के स्कूलों में सीबीएसई की तर्ज पर छात्र-छात्रओं को एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम की पढ़ाई होनी है। सिलेबस को लेकर यूपी बोर्ड और एनसीईआरटी के बीच का अंतर खत्म करने में बोर्ड इधर कई माह से सक्रिय रहा है। 1बोर्ड को इसमें भी सफलता मिल गई है। शासन ने नया पाठ्यक्रम लागू करने का निर्देश दिया है। कुछ माह पहले ही बोर्ड ने इस संबंध में प्रस्ताव भेजकर शासन से अनुमति मांगी थी। अब बोर्ड पाठ्य पुस्तकों को मार्च तक प्रकाशित कराने की तैयारियों में जुटा है। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि नए पाठ्यक्रम की पुस्तकें मार्च के आखिर तक मार्केट में पर्याप्त मात्र में उपलब्ध होंगी। पाठ्यपुस्तकों को छपवाने के लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया भी शीघ्र ही शुरू होगी, ताकि समय पर किताबें छात्र-छात्रओं को मिल सके। 1ज्ञात हो कि एक अप्रैल से नया सत्र शुरू होना है। सचिव का दावा है कि किताबें उपलब्ध कराने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। पाठ्य पुस्तकों को लागू करने से लेकर उनकी छपाई कराने की समय सीमा तय कर दी गई है। विद्यालय संचालक पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर पहले से अवगत हैं, उन्हें नए सिरे से भी निर्देश भेजे जाएंगे।’
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ऐसे में छात्र-छात्रओं को नए सत्र से पहले ही एनसीईआरटी की तर्ज पर तैयार पाठ्यक्रम के अनुरूप पुस्तकें मुहैया कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के स्कूलों में सीबीएसई की तर्ज पर छात्र-छात्रओं को एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम की पढ़ाई होनी है। सिलेबस को लेकर यूपी बोर्ड और एनसीईआरटी के बीच का अंतर खत्म करने में बोर्ड इधर कई माह से सक्रिय रहा है। 1बोर्ड को इसमें भी सफलता मिल गई है। शासन ने नया पाठ्यक्रम लागू करने का निर्देश दिया है। कुछ माह पहले ही बोर्ड ने इस संबंध में प्रस्ताव भेजकर शासन से अनुमति मांगी थी। अब बोर्ड पाठ्य पुस्तकों को मार्च तक प्रकाशित कराने की तैयारियों में जुटा है। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि नए पाठ्यक्रम की पुस्तकें मार्च के आखिर तक मार्केट में पर्याप्त मात्र में उपलब्ध होंगी। पाठ्यपुस्तकों को छपवाने के लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया भी शीघ्र ही शुरू होगी, ताकि समय पर किताबें छात्र-छात्रओं को मिल सके। 1ज्ञात हो कि एक अप्रैल से नया सत्र शुरू होना है। सचिव का दावा है कि किताबें उपलब्ध कराने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। पाठ्य पुस्तकों को लागू करने से लेकर उनकी छपाई कराने की समय सीमा तय कर दी गई है। विद्यालय संचालक पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर पहले से अवगत हैं, उन्हें नए सिरे से भी निर्देश भेजे जाएंगे।’
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