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41556 शिक्षक पदों पर नियुक्ति के ऑनलाइन आवेदन में गड़बड़ियों की भरमार, आधार नंबर की अनदेखी

इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पाने के पहले चरण में जूझना पड़ रहा है। एनआइसी की ओर से शुरू की गई वेबसाइट में गड़बड़ियों की भरमार है। पहले दिन से शुरू ओटीपी न मिलने की समस्या दूसरे दिन भी बरकरार रही।
कई को घंटों तक इसका इंतजार करना पड़ रहा है। इससे प्रदेश भर में हड़कंप मचा रहा।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों के लिए 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती की लिखित परीक्षा में 41556 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। उनसे लिखित परीक्षा के लिए हुए आवेदन के आधार पर ही नियुक्ति के लिए जिला वरीयता व अन्य सूचनाएं मांगी जा रही हैं। अभ्यर्थी अपना अनुक्रमांक, जन्म तारीख व मोबाइल नंबर वेबसाइट पर दर्ज करने के लिए ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड का घंटों इंतजार कर रहे हैं। कई अभ्यर्थियों का ओटीपी आया ही नहीं, उन्हें फिर से सारी सूचनाएं दर्ज करनी पड़ी हैं। कई जिलों में ओटीपी आने के बाद अपने आप आगरा जिले के अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र भी खुल रहे हैं। इससे सभी परेशान हुए।1वेबसाइट पर जिला वरीयता देने में अंबेडकर नगर जिले का नाम दो बार दर्ज मिला, जबकि बलिया जिला वेबसाइट से गायब था। शिकायत होने के बाद बुधवार दोपहर बाद एनआइसी ने वेबसाइट दुरुस्त की है। अंतर जिला तबादलों में भी बलिया जिले में शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं हो सका था। तबादले भी एनआइसी की वेबसाइट से हुए। नियुक्ति के आवेदन में फिर वही गड़बड़ी दोहरा दी गई।
आधार नंबर की अनदेखी
एक ओर बेसिक शिक्षा महकमा सभी शिक्षकों को आधार नंबर देना अनिवार्य कर रहा है, जिन शिक्षकों ने आधार नंबर नहीं दिया है, उनका वेतन रोकने के आदेश हुए। वहीं दूसरी ओर नियुक्ति के लिए आवेदन में पहचान के लिए आधार नंबर गायब है। अभ्यर्थियों से पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस व निवास पत्र प्रमाणपत्र मांगा गया है। इसके अलावा प्रदेश में पांच साल से निवास और वैवाहिक स्थिति पूछी जा रही है। वहीं, शिक्षामित्रों को कौन सा स्कूल कब ज्वाइन किया बताना है।




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