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शिक्षकों की भर्ती के मामले में अर्हता व पद निरस्त पर मंथन करेगी विशेषज्ञ समिति

इलाहाबाद : प्रदेश भर के अशासकीय व राजकीय माध्यमिक कालेजों में शिक्षक भर्ती की अर्हता का फासला मिटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
वहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने 12 जुलाई को प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक 2016 के आठ विषयों के पद निरस्त करने का प्रकरण बैठक में उठा। इसमें अफसरों ने तय किया कि इसे यूपी बोर्ड के विशेषज्ञ समिति के समक्ष रखा जाए और उसके सुझाव पर अफसर अगली बैठक में चर्चा करेंगे। समिति सितंबर माह में इस मामले में सुझाव को सौंपेगी।
यूपी बोर्ड से संचालित अशासकीय व राजकीय माध्यमिक कालेजों के शिक्षक चयन की अर्हता का विवाद इधर लंबे समय है। समान पदों की अर्हता तक में काफी अंतर है। इससे अभ्यर्थी एक परीक्षा में शामिल हो पाते हैं लेकिन, दूसरी से दूर हो जाते हैं। राजकीय कालेजों के एलटी ग्रेड शिक्षक चयन के समय यह प्रकरण तूल पकड़ा था लेकिन, कोई बदलाव नहीं हुआ। इसके बाद चयन बोर्ड ने टीजीटी व पीजीटी 2016 के आठ विषयों के विज्ञापन के पद 12 जुलाई को निरस्त कर दिए। बोर्ड का दावा है कि ये विषय अब हाईस्कूल व इंटर में नहीं है। उन्हें 1998 के शासनादेश में ही खत्म किया जा चुका है। इससे चयन बोर्ड की भर्ती फंस गई है और सवाल उठा कि निरस्त पदों में से कई की परीक्षा एलटी ग्रेड भर्ती में हो चुकी है, अब उसमें चयनित कैसे ज्वाइन करेंगे। यह प्रकरण शासन तक पहुंचने पर माध्यमिक शिक्षा सचिव संध्या तिवारी ने यूपी बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है। इसमें अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक मंजू शर्मा और संयुक्त शिक्षा निदेशक इलाहाबाद मंडल भी शामिल हैं।

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