Breaking Posts

Top Post Ad

TGT-PGT: विज्ञापन रद्द करने के बाद दोबारा आवेदन लेने के लिए वेबसाइट तैयार कराने में ही लगे दो माह, दो साल से अधर में लटकी टीजीटी-पीजीटी भर्ती

चयन बोर्ड उप्र की कार्यशैली बेहद धीमी है। 2016 विज्ञापन के जिन आठ विषयों के पद निरस्त हुए, उनका ऑनलाइन आवेदन लेने के लिए वेबसाइट तैयार कराने में ही दो माह का समय लग गया है। अब एक माह तक आवेदन होंगे, इसके बाद ही लिखित परीक्षा की तस्वीर साफ हो सकेगी।
1 अभ्यर्थियों का कहना है कि चयन बोर्ड नियुक्तियां कराने से बच रहा है इसीलिए हर कार्य में लेटलतीफी जारी है। ज्ञात हो कि 27, 28 व 29 सितंबर को होने वाली 2016 की प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा दूसरी बार स्थगित की जा चुकी है। इसके पहले अक्टूबर 2016 के चारों रविवार को परीक्षा कराने का कार्यक्रम जारी हुआ था।

इन पदों की गुत्थी नहीं सुलझी : माध्यमिक कालेजों में जब जीव विज्ञान विषय नहीं है फिर भी 2013 में 187 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इसी विषय में 2011 के 65 पदों का पेंच अब तक बरकरार है। ऐसे ही प्रवक्ता 2013 वनस्पति विज्ञान का इंटरव्यू पूरा हो चुका है, उसका रिजल्ट रुका है। चयन बोर्ड की ओर से कहा गया था कि विधिक राय मांगी है लेकिन, उसमें क्या हुआ ये स्पष्ट नहीं हो सका है।

जांच व कार्रवाई का भी राजफाश नहीं : सचिव ने पद निरस्त करते समय कहा था कि माध्यमिक कालेजों में जो विषय नहीं हैं, उनके पदों का विज्ञापन जारी करने व पूर्व के वर्षो में ऐसे ही कुछ विषयों के लिए अभ्यर्थियों का चयन करने की जांच चयन बोर्ड की ओर से गठित समिति करेगी। देखा जाएगा कि किन कालेजों ने इन विषयों का अधियाचन भेजा और जिला विद्यालय निरीक्षक व संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने उनका किन परिस्थितियों में सत्यापन किया। जो दोषी होगा उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस पर भी स्थिति साफ नहीं है।

दो साल से अधर में लटकी भर्ती : टीजीटी-पीजीटी 2016 की भर्ती दो साल में अधर में है। टीजीटी के 7950 व पीजीटी के 1344 पदों के लिए पांच जून 2016 को विज्ञापन निकाला था। पहली बार इस भर्ती के लिए 30 जुलाई 2016 तक ऑनलाइन आवेदन हुए। इसमें 10 लाख 71 हजार 382 ने फार्म भरे। प्रशिक्षित स्नातक के 7950 पदों के लिए 6,55,304 जबकि प्रवक्ता के 1344 पदों पर 4,16,078 अभ्यर्थियों ने फार्म भरे थे।1700 से अधिक को नियुक्ति नहीं मिली : बोर्ड से चयनित करीब 700 से अधिक ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्हें अब तक आवंटित कालेजों में नियुक्ति नहीं मिली है। कालेजों ने पहले अधियाचन भेजा, बाद में वह पद प्रमोशन या फिर तबादले से भर लिए गए। इससे अभ्यर्थी वापस हो गए, लेकिन कई ऐसे विषय हैं कि जिन पर चयन हो गया, जब वह अभ्यर्थी कालेज गए तो प्रबंधन व प्रधानाचार्य ने नियुक्ति देने से मना किया।

No comments:

Post a Comment

Facebook