जागरण संवाददाता, मऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2012 में 72825
प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन के तहत आवेदन करने वाले
टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों का शुल्क वापस करने का निर्णय लिया है।
इसके लिए बेसिक शिक्षा सचिव ने डायट प्राचार्यों को फरमान जारी कर तीन से 30 नवंबर तक आवेदन करने वाले प्रशिक्षुओं से शुल्क वापसी के लिए सबूत के साथ आवेदन मांगा है। टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों ने साक्ष्यों के साथ आवेदन करना शुरू कर दिया है। प्रतिदिन डाकखानों से सैकड़ों आवेदन अलग-अलग डायटों में भेजे जा रहे हैं।
बता दें कि दिसंबर 2012 में शिक्षक भर्ती के लिए जारी विज्ञापन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे बाद में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने रद कर दिया था। इस विज्ञापन के तहत आवेदन करने वाले टीईटी उत्तीर्ण बीएड अभ्यर्थियों का पैसा वापस किया जाना है। डायट प्राचार्य रामचंद्र ¨सह यादव ने बताया कि अभ्यर्थियों की ओर से शुल्क वापसी के लिए डायट में आवेदन आने लगे हैं। 30 नवंबर तक आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। आवेदन में अभ्यर्थियों को शुल्क जमा करने का साक्ष्य देना है। उस वक्त काउंसि¨लग के तैयार किए गए अभ्यर्थियों के एक्सेल डाटा से आवेदन पत्रों के मिलान के बाद वैध अभ्यर्थियों की सूची शुल्क वापसी के लिए बेसिक शिक्षा परिषद को भेजी जाएगी। टीईटी संघर्ष मोर्चा के मुहम्मदाबाद गोहना प्रभारी पंकज गुप्ता के मुताबिक जिले से करीब 4000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था और औसतन एक अभ्यर्थी ने कम से कम 25000 रुपये का शुल्क अलग-अलग जिलों के लिए जमा किया था। डाकखानों से प्रतिदिन सैकड़ों शुल्क वापसी के आवेदन स्पीडपोस्ट किए जा रहे हैं।
टीईटी संघर्ष मोर्चा के पंकज गुप्ता, चंद्रशेखर ¨सह, गुलाब चौहान, प्रदीप शर्मा, शिवप्रसाद, अर¨वद चौधरी आदि ने कहा कि सभी छात्रों ने आनलाइन आवेदन किया था और आनलाइन ही पैसा भी जमा किया था। ऐसे में शुल्क वापसी के लिए सरकार का आफलाइन सिस्टम यानि प्रत्येक डायट प्राचार्य के लिए आवेदन मांगना समझ से परे है। अभ्यर्थियों को एक बार फिर से पोस्ट आफिस का खर्चा व फोटो स्टेट आदि पर व्यय वहन करना पड़ रहा है। पहले भी 500 रुपये का शुल्क जमा करने के लिए अभ्यर्थियों ने बैंक चार्ज सहित आवेदन भरने के लिए 100 से 200 रुपये तक खर्च किया था। वर्जन ..
डायट में शुल्क वापसी के लिए आवेदन आने लगे हैं। आवेदनों को सत्यापित कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- रामचंद्र ¨सह यादव, डायट प्राचार्य, मऊ।
इसके लिए बेसिक शिक्षा सचिव ने डायट प्राचार्यों को फरमान जारी कर तीन से 30 नवंबर तक आवेदन करने वाले प्रशिक्षुओं से शुल्क वापसी के लिए सबूत के साथ आवेदन मांगा है। टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों ने साक्ष्यों के साथ आवेदन करना शुरू कर दिया है। प्रतिदिन डाकखानों से सैकड़ों आवेदन अलग-अलग डायटों में भेजे जा रहे हैं।
बता दें कि दिसंबर 2012 में शिक्षक भर्ती के लिए जारी विज्ञापन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे बाद में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने रद कर दिया था। इस विज्ञापन के तहत आवेदन करने वाले टीईटी उत्तीर्ण बीएड अभ्यर्थियों का पैसा वापस किया जाना है। डायट प्राचार्य रामचंद्र ¨सह यादव ने बताया कि अभ्यर्थियों की ओर से शुल्क वापसी के लिए डायट में आवेदन आने लगे हैं। 30 नवंबर तक आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। आवेदन में अभ्यर्थियों को शुल्क जमा करने का साक्ष्य देना है। उस वक्त काउंसि¨लग के तैयार किए गए अभ्यर्थियों के एक्सेल डाटा से आवेदन पत्रों के मिलान के बाद वैध अभ्यर्थियों की सूची शुल्क वापसी के लिए बेसिक शिक्षा परिषद को भेजी जाएगी। टीईटी संघर्ष मोर्चा के मुहम्मदाबाद गोहना प्रभारी पंकज गुप्ता के मुताबिक जिले से करीब 4000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था और औसतन एक अभ्यर्थी ने कम से कम 25000 रुपये का शुल्क अलग-अलग जिलों के लिए जमा किया था। डाकखानों से प्रतिदिन सैकड़ों शुल्क वापसी के आवेदन स्पीडपोस्ट किए जा रहे हैं।
टीईटी संघर्ष मोर्चा के पंकज गुप्ता, चंद्रशेखर ¨सह, गुलाब चौहान, प्रदीप शर्मा, शिवप्रसाद, अर¨वद चौधरी आदि ने कहा कि सभी छात्रों ने आनलाइन आवेदन किया था और आनलाइन ही पैसा भी जमा किया था। ऐसे में शुल्क वापसी के लिए सरकार का आफलाइन सिस्टम यानि प्रत्येक डायट प्राचार्य के लिए आवेदन मांगना समझ से परे है। अभ्यर्थियों को एक बार फिर से पोस्ट आफिस का खर्चा व फोटो स्टेट आदि पर व्यय वहन करना पड़ रहा है। पहले भी 500 रुपये का शुल्क जमा करने के लिए अभ्यर्थियों ने बैंक चार्ज सहित आवेदन भरने के लिए 100 से 200 रुपये तक खर्च किया था। वर्जन ..
डायट में शुल्क वापसी के लिए आवेदन आने लगे हैं। आवेदनों को सत्यापित कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- रामचंद्र ¨सह यादव, डायट प्राचार्य, मऊ।
0 Comments