लखनऊ: यूपी के
प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक पद पर नौकरी करने
का सपना देखने वाले युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। लखनऊ के लोकभवन में
मंगलवार को यूपी कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई।
जिसमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों की भर्ती प्रक्रिया में विवादों के जल्द निपटारे के लिए ट्रिब्यूनल के गठन को मंजूरी दे दी गई।
इस ट्रिब्यूनल में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और कम से कम तीन सदस्य रहेंगें। इन सदस्यों का न्यायिक और प्रशासनिक क्षेत्र के अनुभवी होना जरूरी होगा।
इसकी जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया की ट्रिब्यूनल के गठन से भर्ती प्रक्रिया में तेजी आयेगी। वहीं यदि कोई उम्मीदवार ट्रिब्यूनल के फैसले से संतुष्ट नहीं है तो 90 दिन के भीतर हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा।
प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों को लेकर भी एक बड़ा फैसला
अब प्रदेश में अलग-अलग एक्ट के माध्यम से संचालित होने वाले विश्वविद्यालयों के लिये एक अम्ब्रेला एक्ट बनेगा। जो सभी पर समान रूप से लागू होगा। साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में नये निजी विश्वविद्यालय के लिए कम से कम 20 एकड़ और 50 एकड़ भूमि की आवश्यकता क्रमशः होगी। वहीं निजी विश्वविद्यालयों में कम से कम 75 प्रतिशत शिक्षक यूजीसी के निर्देशों के अनुसार नियुक्त किया जाना आवश्यक होगा।
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जिसमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों की भर्ती प्रक्रिया में विवादों के जल्द निपटारे के लिए ट्रिब्यूनल के गठन को मंजूरी दे दी गई।
इस ट्रिब्यूनल में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और कम से कम तीन सदस्य रहेंगें। इन सदस्यों का न्यायिक और प्रशासनिक क्षेत्र के अनुभवी होना जरूरी होगा।
इसकी जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया की ट्रिब्यूनल के गठन से भर्ती प्रक्रिया में तेजी आयेगी। वहीं यदि कोई उम्मीदवार ट्रिब्यूनल के फैसले से संतुष्ट नहीं है तो 90 दिन के भीतर हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा।
प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों को लेकर भी एक बड़ा फैसला
अब प्रदेश में अलग-अलग एक्ट के माध्यम से संचालित होने वाले विश्वविद्यालयों के लिये एक अम्ब्रेला एक्ट बनेगा। जो सभी पर समान रूप से लागू होगा। साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में नये निजी विश्वविद्यालय के लिए कम से कम 20 एकड़ और 50 एकड़ भूमि की आवश्यकता क्रमशः होगी। वहीं निजी विश्वविद्यालयों में कम से कम 75 प्रतिशत शिक्षक यूजीसी के निर्देशों के अनुसार नियुक्त किया जाना आवश्यक होगा।
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