ऑनलाइन शिक्षा की पहुंच सिर्फ शहरी या इंटरनेट की उपलब्धता वाले कस्बाई क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अब यह दूरदराज व सीमावर्ती क्षेत्रों के छात्रों को भी सहज ही हासिल हो सकेगी। इसे लेकर सरकार ने एक बड़ी योजना पर काम शुरू किया है।
योजना के तहत देश में बच्चों को पढ़ाने के लिए 12 नए डेडीकेटेड टीवी चैनल शुरू किए जाएंगे। यानी, प्रत्येक क्लास के लिए अलग-अलग टीवी चैनल होंगे, जिनमें स्कूलों की तरह तय समय पर ही कक्षाएं लगेंगी।
कोरोना संकटकाल में शैक्षणिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद इस पर काम शुरू किया है। इस योजना को ‘पीएम ई-विद्या’ नाम दिया गया है। ये सभी चैनल मंत्रलय के पास मौजूद स्वयंप्रभा के 32 चैनलों में से ही उपलब्ध कराए जाएंगे। मौजूदा समय में इनमें से कई चैनल यूजीसी, एनआइओएस व इग्नू जैसे शैक्षणिक संस्थानों को आवंटित है। स्वयंप्रभा के चैनल सभी डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) पर मुफ्त उपलब्ध हैं। सेवा प्रदाता से इन चैनलों की मांग की जा सकती है। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को अध्ययन सामग्री तैयार करने का जिम्मा सौंपा है। एनसीईआरटी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, अध्ययन सामग्री प्रत्येक क्लास के पाठ्यक्रम के आधार पर ही तैयार की जाएगी। ये सामग्री वीडियो की शक्ल में उपलब्ध होगी। इसके साथ ही इनमें हर दिन लाइव कक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। प्रत्येक क्लास से लिए आवंटित चैनेलों पर उससे जुड़े सभी विषय हर दिन पढ़ाए जाएंगे। इसका एक टाइम टेबल भी जारी किया जाएगा। ‘पीएम ई-विद्या’ पर उस समय काम शुरू हुआ है, जब इंटरनेट और स्मार्ट मोबाइल फोन की अनुपलब्धता के कारण दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्र ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
योजना के तहत देश में बच्चों को पढ़ाने के लिए 12 नए डेडीकेटेड टीवी चैनल शुरू किए जाएंगे। यानी, प्रत्येक क्लास के लिए अलग-अलग टीवी चैनल होंगे, जिनमें स्कूलों की तरह तय समय पर ही कक्षाएं लगेंगी।
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कोरोना संकटकाल में शैक्षणिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद इस पर काम शुरू किया है। इस योजना को ‘पीएम ई-विद्या’ नाम दिया गया है। ये सभी चैनल मंत्रलय के पास मौजूद स्वयंप्रभा के 32 चैनलों में से ही उपलब्ध कराए जाएंगे। मौजूदा समय में इनमें से कई चैनल यूजीसी, एनआइओएस व इग्नू जैसे शैक्षणिक संस्थानों को आवंटित है। स्वयंप्रभा के चैनल सभी डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) पर मुफ्त उपलब्ध हैं। सेवा प्रदाता से इन चैनलों की मांग की जा सकती है। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को अध्ययन सामग्री तैयार करने का जिम्मा सौंपा है। एनसीईआरटी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, अध्ययन सामग्री प्रत्येक क्लास के पाठ्यक्रम के आधार पर ही तैयार की जाएगी। ये सामग्री वीडियो की शक्ल में उपलब्ध होगी। इसके साथ ही इनमें हर दिन लाइव कक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। प्रत्येक क्लास से लिए आवंटित चैनेलों पर उससे जुड़े सभी विषय हर दिन पढ़ाए जाएंगे। इसका एक टाइम टेबल भी जारी किया जाएगा। ‘पीएम ई-विद्या’ पर उस समय काम शुरू हुआ है, जब इंटरनेट और स्मार्ट मोबाइल फोन की अनुपलब्धता के कारण दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्र ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
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