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69000 शिक्षक भर्ती मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंची योगी सरकार

69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है. उत्तर प्रदेश सरकार ने एक कैविएट दाखिल कर कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर बिना उसे सुने सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश जारी न करे.

यूपी सरकार ने कैविएट में कहा कि अगर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती है तो बिना यूपी सरकार के पक्ष को सुने सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश जारी ना करें. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है.
इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोर्ट के निर्णयानुसार, एक सप्ताह के भीतर 69000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए. सीएम ने कहा है कि कोर्ट के निर्णय से शिक्षको की भर्ती का मार्ग प्रशस्त हुआ. प्रदेश के कॉलेजों में इस निर्णय से योग्य शिक्षक मिल सकेंगे.
बता दें कि इस भर्ती पर आदेश करीब डेढ़ साल से इलाहाबाद कोर्ट में अटका पड़ा था. शिक्षक भर्ती विवाद का विषय कट ऑफ था. जोकि यूपी सरकार ने परीक्षा के बाद निर्धारित किया था. दरअसल, पहले इस परीक्षा का कट ऑफ सामान्य और ओबीसी वर्ग के लिए 45 फीसदी और एससी/एसटी के लिए 40 फीसदी निर्धारित था.
हालांकि यूपी सरकार ने परीक्षा कराए जाने के बाद इसका कट ऑफ सामान्य के लिए 65 फीसदी तथा आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी निर्धारित कर दिया था. कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा कटऑफ बढ़ाने के फैसले को सही ठहराया और पूरी भर्ती प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने यूपी सरकार द्वारा तय किए गए 150 अंकों में सामान्य वर्ग को 97 और आरक्षित वर्ग को 90 अंक वाले फैसले पर मुहर लगाई है. 

अब जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को 1 हफ्ते के अंदर निपटाने का आदेश दिया है. इसके बाद अभ्यर्थियोें के एक गुट ने कैविएट दाखिल किया था. वहीं अब यूपी सरकार ने भी एक कैविएट दाखिल कर दिया है.

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