69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है जहां उसने एक कैविएट दाखिल कर कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट बिना उसे सुने कोई आदेश जारी न करे।
9000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है जहां उसने एक कैविएट दाखिल कर कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट बिना उसे सुने कोई आदेश जारी न करे. सुप्रीम में कैविएट दाखिल कर यूपी सरकार ने यह कहा है कि अगर हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती है तो उत्तर प्रदेश सरकार के पक्ष को सुने बिना सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश जारी ना करें. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है।
यह भर्ती कटऑफ अंकों के विवाद के कारण अधर में लटकी पड़ी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा कटऑफ बढ़ाने के फैसले को सही ठहराया और पूरी भर्ती प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया है. बेंच ने यूपी सरकार द्वारा तय किए गए 150 अंकों में सामान्य को 97 और आरक्षित वर्ग को 90 अंक लाने पर मुहर लगाई है और आदेश दिया कि तीन महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाए. इस आदेश के तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 65 फीसदी और अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 60 फीसदी अंक पाकर ही पास माने जाएंगे।
9000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है जहां उसने एक कैविएट दाखिल कर कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट बिना उसे सुने कोई आदेश जारी न करे. सुप्रीम में कैविएट दाखिल कर यूपी सरकार ने यह कहा है कि अगर हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती है तो उत्तर प्रदेश सरकार के पक्ष को सुने बिना सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश जारी ना करें. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है।
यह भर्ती कटऑफ अंकों के विवाद के कारण अधर में लटकी पड़ी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा कटऑफ बढ़ाने के फैसले को सही ठहराया और पूरी भर्ती प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया है. बेंच ने यूपी सरकार द्वारा तय किए गए 150 अंकों में सामान्य को 97 और आरक्षित वर्ग को 90 अंक लाने पर मुहर लगाई है और आदेश दिया कि तीन महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाए. इस आदेश के तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 65 फीसदी और अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 60 फीसदी अंक पाकर ही पास माने जाएंगे।
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