छात्र संख्या के अनुपात में परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों की संख्या अधिक : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

हेडमास्टरों की कुर्सी खतरे में

जागरण संवाददाता, वाराणसी : परिषदीय स्कूलों में लगातार छात्रों की संख्या कम होती जा रही है। इससे बेसिक शिक्षा विभाग चितिंत है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने सभी विद्यालयों से छात्र संख्या का न्यूनतम मानक पूरा करने का निर्देश दिया है। मानक पूरा न करने वाले विद्यालयों के हेडमास्टरों को हटा देने की चेतावनी भी दी है।
बीएसए के इस निर्देश से स्कूलों में खलबली मची है। परिषदीय स्कूलों के अध्यापक छात्र संख्या बढ़ाने में जुटे हैं।
विभाग ने परिषदीय स्कूलों में 30 मार्च तक बच्चों का नामांकन पूरा करने का निर्देश दिया था ताकि पहली अप्रैल से नया सत्र शुरू हो सके। शासन के निर्देश पर परिषदीय स्कूलों में नया सत्र शुरू भी हो गया है लेकिन छात्रसंख्या कम होने के कारण अब भी परिषदीय स्कूलों में बच्चों का नामांकन जारी है। अब 30 अप्रैल तक अभियान चलाकर बच्चों का नामांकन कराने का निर्णय किया गया है।
बीएसए रामचंद्र सिंह यादव ने बताया कि छात्रों का नामांकन बढ़ाने के लिए आरटीई मेला व स्कूल चलो अभियान चलाया जा रहा है। घर-घर सर्वे कर रहे हैं ताकि शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन हो सके।
क्या है मानक
मानक के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम 150 बच्चों का नामांकन अनिवार्य है। वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम 100 छात्रों का मानक है।
जनपद में 1366 विद्यालय
जनपद में परिषदीय विद्यालयों की संख्या 1366 है। इसमें 1013 प्राथमिक व 353 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं।
मानक में फंसी पदोन्नति
परिषदीय स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या के कारण अध्यापकों की पदोन्नति फंस गई है। बीएसए का कहना है कि छात्र संख्या के अनुपात में परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों की संख्या अधिक है।
100 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों की संख्या
वर्ष विद्यालय
2012 139
2013 145
2014 158


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