जब 20 को नोटिस,तो कार्रवाई मुझ पर ही क्यों : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

जब 20 को नोटिस,तो कार्रवाई मुझ पर ही क्यों : शिव कुमार
एनबीटी, मुजफ्फरनगर : सीएम अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंत्री, अफसर और नेताओं के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का जो आदेश दिया है, उसे अमल में लाया जाएगा। इसके लिए एक कमिटी बनाई जाएगी, जो पूरे मामले पर फैसला लेगी।
सीएम दिवंगत मंत्री चितरंजन स्वरूप के परिवार के सदस्यों के साथ दुख बांटने मुजफ्फरनगर पहुंचे थे। हाई कोर्ट ने अपने विस्तृत फैसले में प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की बदहाली पर कड़ी टिप्पणियां की हैं।

प्राथमिक विद्यालयों में क्वालिटी एजुकेशन की मुहिम छेड़ने वाले प्रशिक्षु शिक्षक को नौकरी गंवानी पड़ी। सुल्तानपुर जिले के लंभुआ स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रशिक्षु शिव कुमार पाठक दो दिन पहले अपनी उस अपील के कारण चर्चा में आए थे, जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सभी सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों और नेताओं के बच्चों को परिषदीय विद्यालयों में पढ़वाने का आदेश दिया था। शिव के मुताबिक 72 हजार शिक्षामित्रों को समायोजित करने के मामले में जब अदालत ने रोक लगाई, उसी के बाद से ही उन्हें धमकी दी जा रही थी।

कोर्ट के फैसले के एक दिन पहले शिव कुमार को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया था। शिव कुमार कहते हैं, उनकी बर्खास्तगी क्वालिटी एजुकेशन के मुद्दे पर लड़ने की वजह से हुई है। बीएसए के मुताबिक मैं 12-13 दिन तक बिना बताए गैरहाजिर रहा इस वजह से मुझे बर्खास्त किया गया है। हालांकि मेरे साथ 20 लोगों को अनुपस्थिति की नोटिस दी गई थी। मैंने उसका जवाब भी दिया। बावजूद इसके बाकी के 19 लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिव कुमार सवाल पूछते हैं- बर्खास्तगी की एक प्रक्रिया होती है। निलंबन और फिर जांच। मेरे मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। अगर किसी को शिकायत थी तो वह मेरा पक्ष तो सुनता।

जब सेंट्रल स्कूलों में तीन चरण में चयन तो यहां क्यों नहीं/

शिव कुमार कहते हैं कि सेंट्रल स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती तीन चरण में होती है, लेकिन परिषदीय स्कूलों में ऐसा नहीं होता। पिछली सरकार ने टीईटी कीw मेरिट पर भर्ती की, जिसे इस सरकार ने खत्म कर दिया। मैं क्वालिटी एजुकेशन के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के आधार पर शिक्षकों की भर्ती के पक्ष में हूं। आखिर क्या गलत कह रहा हूं मैं, जो शिक्षा अधिकारियों को नागवार गुजर रहा है/ बर्खास्तगी मसले पर शिव कुमार वकीलों से राय ले रहे हैं।

हजारों रहते हैं अनुपस्थित

बर्खास्तगी का आधार अनुपस्थिति बताए जाने पर शिवकुमार ने कहा- क्या केवल मैं ही अनुपस्थित था/ मेरी बीआरसी पर ही तमाम लोग हैं जो बिना बताए एक महीने से गायब हैं। प्रदेश में ऐसे लोगों की संख्या हजारों में है।

बर्खास्त शिक्षक बोले, शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक के बाद से ही मिल रही थी धमकी
याचिका दाखिल करने पर शिक्षक को बर्खास्त करना सरासर गलत है।

-सभाजीत सिंह, प्रवक्ता अवध प्रांत, आप

हाईकोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करने के बजाय याचिकाकर्ता को बर्खास्त करने की कार्यवाही तानाशाही का नमूना है।

डॉ़ चंद्रमोहन, बीजेपी
प्राथमिक दृष्टि से यह गलत है। शिक्षक को बहाल किया जाना चाहिए।

पीएल पुनिया, सांसद, कांग्रेस
हाई कोर्ट के आदेश पर कमिटी लेगी फैसला : सीएम
गरमाई राजनीति
शिक्षक ने क्रांतिकारी परिवर्तन के लिए प्रयास किया था, उसे सम्मानित करना चाहिए।

डॉ़ जेपी मिश्र, अध्यक्ष, प्रधानाचार्य परिषद
शिक्षा के हितैषियों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए।

वीरेंद्र सिंह, जिला महामंत्री प्राथमिक शिक्षक संघ
अगर विभाग ने ऐसा किया है तो निंदनीय और शर्मनाक है। डॉ़ आरपी मिश्र, प्रदेशीय मंत्री, माशिसं•संवाददाता, लखनऊ

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