मैनपुरी : मीना के स्वागत की तैयारियां
काफी दिनों से चल रही थीं। शिक्षा विभाग में अधिकारियों द्वारा
प्रधानाध्यापकों को भी बाकायदा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सब कुछ तय था। तय
समय पर परिषदीय स्कूलों में सारी तैयारियों के साथ शिक्षक और विद्यार्थी
मीना का इंतजार करते रहे। मगर, मीना नहीं आई। शिक्षाधिकारी तकनीकी खामी
बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
परिषदीय स्कूलों के बच्चों को ज्ञानवान बनाने के लिए शासन द्वारा अब मीना का सहारा लिया जा रहा है। व्यवस्था की गई थी कि एक सितंबर को सुबह 11:15 बजे से 11:30 बजे तक 15 मिनट के लिए रेडियो पर मीना की दुनिया नामक कार्यक्रम का प्रसारण कराया जाएगा। इसके लिए पखवाड़ा भर पहले से ही शिक्षाधिकारियों द्वारा प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। बच्चे मीना की कहानियों से शिक्षा ले सकें, इसके लिए सभी स्कूलों में रेडियो की खरीदारी भी कराई जानी थी।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को अधिकांश स्कूलों में प्रधानाध्यापकों ने रेडियो की व्यवस्था करके बच्चों को भी एक स्थान पर एकत्रित कर लिया। निर्धारित था कि एआइआर लखनऊ के बैंड पर ही मीना की दुनिया कार्यक्रम का प्रसारण कराया जाएगा। काफी देर तक प्रधानाध्यापक रेडियो पर बैंड की से¨टग करते रहे। जो बैंड निर्धारित किया गया था, उस पर मीना तो नहीं बोली, मगर फिल्मी गीत जरूर सुनाई दिए।
अधिकांश स्कूलों में तो रेडियो की व्यवस्था न होने के कारण यह कार्यक्रम अधर में ही लटक गया। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि जो बैंड प्रशिक्षण में उन्हें बताया गया था, उसके अलावा अन्य बैंडों पर भी फ्रीक्वेंसी देखी गई मगर, किसी भी बैंड पर मीना का कार्यक्रम प्रसारित नहीं हुआ।
डीसी सर्व शिक्षा अशोक यादव का कहना है कि यह समस्या रही है। तकनीकी कारणों की वजह से पहले दिन मीना की आवाज सुनाई नहीं दी है। मगर, ऐसा नहीं है कि शिक्षक लापरवाही बरतें। इस कार्यक्रम के 85 ऐपीसोड प्रसारित होने हैं। प्रत्येक स्कूल में रोजाना निर्धारित समय पर मीना की दुनिया कार्यक्रम का प्रसारण निर्धारित है। प्रधानाध्यापक प्रतिदिन समय पर अपने रेडियो पर कार्यक्रम की जांच करें।
कुसमरा में भी समय पर बच्चे स्कूलों में बैठकर मीना का इंतजार करते रहे। लेकिन यहां भी रेडियो पर कार्यक्रम का प्रसारण नहीं हो सका। भोगांव में तकनीकी खामियों और शासन स्तर पर विभागीय तैयारियों के पूरे न होने के चलते बच्चों की हमदर्द मीना मंगलवार को उनसे रूबरू नहीं हो पाई। तय कार्यक्रम के बावजूद मीना की दुनिया का प्रसारण नहीं किया जा सका।
स्कूलों में मीना के कार्यक्रम का प्रसारण न आने के चलते परेशान गुरूजनों ने एक दूसरे से संपर्क करना शुरू किया लेकिन किसी के पास इस बावत कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी। जिला स्तरीय अधिकारियों से भी कार्यक्रम के संबंध में कोई ठोस जबाव नहीं मिल पाया।
मीना की कहानियों को सुनने के लिए एकत्रित हुए बच्चों को गुरूजनों द्वारा रेडियो पर आ रहे स्वास्थ्य वर्धक कार्यक्रम का श्रवण कराया गया तो कई स्कूलों में बॉलीबुड के गानों को सुनने का मौका बच्चों को दिया गया। पहले दिन मीना की आवाज स्कूलों में न गूंजने का मलाल बच्चों को रहा। खंड शिक्षा अधिकारी सर्वेश यादव के मुताबिक इस संबंध में शासन स्तर से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है।
परिषदीय स्कूलों के बच्चों को ज्ञानवान बनाने के लिए शासन द्वारा अब मीना का सहारा लिया जा रहा है। व्यवस्था की गई थी कि एक सितंबर को सुबह 11:15 बजे से 11:30 बजे तक 15 मिनट के लिए रेडियो पर मीना की दुनिया नामक कार्यक्रम का प्रसारण कराया जाएगा। इसके लिए पखवाड़ा भर पहले से ही शिक्षाधिकारियों द्वारा प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। बच्चे मीना की कहानियों से शिक्षा ले सकें, इसके लिए सभी स्कूलों में रेडियो की खरीदारी भी कराई जानी थी।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को अधिकांश स्कूलों में प्रधानाध्यापकों ने रेडियो की व्यवस्था करके बच्चों को भी एक स्थान पर एकत्रित कर लिया। निर्धारित था कि एआइआर लखनऊ के बैंड पर ही मीना की दुनिया कार्यक्रम का प्रसारण कराया जाएगा। काफी देर तक प्रधानाध्यापक रेडियो पर बैंड की से¨टग करते रहे। जो बैंड निर्धारित किया गया था, उस पर मीना तो नहीं बोली, मगर फिल्मी गीत जरूर सुनाई दिए।
अधिकांश स्कूलों में तो रेडियो की व्यवस्था न होने के कारण यह कार्यक्रम अधर में ही लटक गया। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि जो बैंड प्रशिक्षण में उन्हें बताया गया था, उसके अलावा अन्य बैंडों पर भी फ्रीक्वेंसी देखी गई मगर, किसी भी बैंड पर मीना का कार्यक्रम प्रसारित नहीं हुआ।
डीसी सर्व शिक्षा अशोक यादव का कहना है कि यह समस्या रही है। तकनीकी कारणों की वजह से पहले दिन मीना की आवाज सुनाई नहीं दी है। मगर, ऐसा नहीं है कि शिक्षक लापरवाही बरतें। इस कार्यक्रम के 85 ऐपीसोड प्रसारित होने हैं। प्रत्येक स्कूल में रोजाना निर्धारित समय पर मीना की दुनिया कार्यक्रम का प्रसारण निर्धारित है। प्रधानाध्यापक प्रतिदिन समय पर अपने रेडियो पर कार्यक्रम की जांच करें।
कुसमरा में भी समय पर बच्चे स्कूलों में बैठकर मीना का इंतजार करते रहे। लेकिन यहां भी रेडियो पर कार्यक्रम का प्रसारण नहीं हो सका। भोगांव में तकनीकी खामियों और शासन स्तर पर विभागीय तैयारियों के पूरे न होने के चलते बच्चों की हमदर्द मीना मंगलवार को उनसे रूबरू नहीं हो पाई। तय कार्यक्रम के बावजूद मीना की दुनिया का प्रसारण नहीं किया जा सका।
स्कूलों में मीना के कार्यक्रम का प्रसारण न आने के चलते परेशान गुरूजनों ने एक दूसरे से संपर्क करना शुरू किया लेकिन किसी के पास इस बावत कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी। जिला स्तरीय अधिकारियों से भी कार्यक्रम के संबंध में कोई ठोस जबाव नहीं मिल पाया।
मीना की कहानियों को सुनने के लिए एकत्रित हुए बच्चों को गुरूजनों द्वारा रेडियो पर आ रहे स्वास्थ्य वर्धक कार्यक्रम का श्रवण कराया गया तो कई स्कूलों में बॉलीबुड के गानों को सुनने का मौका बच्चों को दिया गया। पहले दिन मीना की आवाज स्कूलों में न गूंजने का मलाल बच्चों को रहा। खंड शिक्षा अधिकारी सर्वेश यादव के मुताबिक इस संबंध में शासन स्तर से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है।
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