उप्र शिक्षा निदेशालय में फिर क्रमिक अनशन शुरू हो गया है। इस बार प्राथमिक
विद्यालयों में नियुक्ति पाने की होड़ में शामिल 12091 अभ्यर्थियों ने
कमान संभाली है और कहा है कि जब तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा
नहीं हो जाती, आंदोलन तब तक जारी रहेगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72825 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया सालों से गतिमान है। इसी भर्ती के तहत 12091 अभ्यर्थियों को शिक्षक के रूप में तैनाती मिलनी है। असल में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए पूछा था कि जिलों में शिक्षक भर्ती के कटऑफ से अधिक अंक पाने वाले युवा नौकरी पाने से वंचित रह गए हैं।
इस पर परिषद ने सभी से प्रत्यावेदन मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने सात दिसंबर 2015 को निर्देश दिया कि परिषद ने प्रथम दृष्टया जिन्हें नियुक्ति का योग्य माना है उन्हें छह सप्ताह में नियुक्ति दी जाए।
अभ्यर्थियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश के आठ सप्ताह बीत रहे हैं अब तक इस संबंध में चयन प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। यह न्यायालय की अवमानना एवं अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ है जबकि इस बीच युवाओं ने परिषद कार्यालय में अफसरों से मिलकर न्याय की कई बार गुहार लगाई है।
अनसुनी पर बुधवार से सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के सामने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह तब तक जारी रहेगा, जब तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं होती। इन युवाओं का भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह व नीरज पांडेय आदि ने समर्थन किया है। मोर्चा ने कहा कि सभी अभ्यर्थियों का नाम परिषद जल्द ऑनलाइन करें। यहां कुशल सिंह, प्रशांत केसरवानी, देवेंद्र पांडेय, मो. इम्त्यिाज, मुकेश कुमार, सुबोध सिंह आदि थे।
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बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72825 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया सालों से गतिमान है। इसी भर्ती के तहत 12091 अभ्यर्थियों को शिक्षक के रूप में तैनाती मिलनी है। असल में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए पूछा था कि जिलों में शिक्षक भर्ती के कटऑफ से अधिक अंक पाने वाले युवा नौकरी पाने से वंचित रह गए हैं।
इस पर परिषद ने सभी से प्रत्यावेदन मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने सात दिसंबर 2015 को निर्देश दिया कि परिषद ने प्रथम दृष्टया जिन्हें नियुक्ति का योग्य माना है उन्हें छह सप्ताह में नियुक्ति दी जाए।
अभ्यर्थियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश के आठ सप्ताह बीत रहे हैं अब तक इस संबंध में चयन प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। यह न्यायालय की अवमानना एवं अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ है जबकि इस बीच युवाओं ने परिषद कार्यालय में अफसरों से मिलकर न्याय की कई बार गुहार लगाई है।
अनसुनी पर बुधवार से सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के सामने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह तब तक जारी रहेगा, जब तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं होती। इन युवाओं का भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह व नीरज पांडेय आदि ने समर्थन किया है। मोर्चा ने कहा कि सभी अभ्यर्थियों का नाम परिषद जल्द ऑनलाइन करें। यहां कुशल सिंह, प्रशांत केसरवानी, देवेंद्र पांडेय, मो. इम्त्यिाज, मुकेश कुमार, सुबोध सिंह आदि थे।
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