ब्यूरो, इलाहाबाद,प्रदेश में लगातार बढ़ रही बीटीसी की सीटों से हर वर्ष बीटीसी बेरोजगारों की बड़ी तादात सामने आ रही है। प्रदेश सरकार की ओर से 2014 में बीटीसी-2011 के प्रशिक्षुओं
के लिए घोषित 15 हजार शिक्षकों की भर्ती केसमय बीटीसी-2012 का परीक्षाफल
घोषित हो जाने के बाद से शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
पहले से ही नियुक्ति का इंतजार कर रहे बीटीसी 2011 एवं 2012 के बेरोजगारों
के साथबीटीसी-2013 एवं 2014 के अभ्यर्थी भी जुड़ने जा रहे हैं। बीटीसी का
नया परीक्षाफल घोषित होने के बाद लगभग 80 हजार नए बीटीसी बेरोजगार बढ़ सकते
हैं।
प्रदेश में इस समय 63 जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान
(डायट) की कुल 10450 सीटों के साथ 1034 निजी बीटीसी कॉलेज हैं, निजी बीटीसी
कॉलेजों में 51700 सीटों पर प्रवेश हुआ है।
2013 एवं 2014 के बीटीसी पास बेरोजगारों की संख्या प्रतिवर्ष
40-40 हजार मानी जाए तो बीटीसी-2011 एवं 2012 के बीटीसी बेरोजगारों की
संख्या लगभग 50 हजार होगी, सबको मिलाकर यह संख्या लगभग सवा लाख पहुंच रही
है।
प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में प्रतिवर्ष रिटायर होने
वाले शिक्षकों की संख्या देखी जाए तो यह संख्या मात्र 12 से 15 हजार के बीच
ही है। ऐसे में बीटीसी प्रशिक्षितों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो रहा है कि
आखिर वह जाएं कहां।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से घोषित होने वाले सभी भर्तियों पर
अभ्यर्थियों की ओर से वाद दाखिल कर दिए जाने के बाद चयन प्रक्रिया फंस जा
रही हैं। 15 हजार शिक्षक भर्ती पर बीटीसी-2012, डीएड, बीएलएड, विशिष्ट
बीटीसी प्रशिक्षुओं की ओर से मुकदमा दाखिल करने के बाद भर्ती पर विवाद
बढ़ता जा रहा है।
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