टीईटी 2011 बड़े पैमाने में फर्जीवाड़ा , मामले थमने का नहीं ले रहे नाम : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

ब्यूरो /शाहजहांपुर, टीईटी 2011 के प्रशिक्षुओं बड़े पैमाने में प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल में हुई नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा किए जाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्रमाणपत्र के सत्यापन में पिछले सप्ताह ही एक शिक्षक के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर उसकी सेवा समाप्त कर दी गई थी।
अब फिर तीन शिक्षकों ने टीईटी के फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी पाई।
इसमें से दो को जूनियर हाई स्कूल में गणित विज्ञान शिक्षक भर्ती के तहत नियुक्त किया गया था जबकि एक को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में। बीएसए ने तीनों की नियुक्तियां रद कर दी हैं।
माना जा रहा है सत्यापन में अभी और भी फर्जी प्रमाणपत्र पकड़ जा सकते हैं।शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 के करीब एक लाख प्रशिुक्षओं की भर्ती प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल शिक्षक के रूप में हुई है। बड़े पैमाने पर भर्ती के कारण प्रमाणपत्र में फर्जीवाड़ा किए जाने की आशंका थी।
बीएसए राकेश कुमार ने बताया कि इसी आशंका को देखते हुए शासन ने निर्देश दिए थे कि जब तक प्रशिक्षु शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापित नहीं हो जाते, उन्हें वेतन नहीं दिए जाएगा। प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भेजे गए थे। वहां से आई रिपोर्ट में तीन प्रशिक्षु शिक्षकों के शिक्षक पात्रता प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं।
बीएसए ने बताया कि वर्ष 2015 में विज्ञान शिक्षक के रूप में फिरोजाबाद निवासी राम कुमार पाठक की नियुक्ति उच्च प्राथमिक स्कूल हरदुआ, पुवायां और फिरोजाबाद के ही रविकांत दीक्षित की उच्च प्राथमिक स्कूल पोहकरनपुर बंडा में वर्ष 2015 में ही हुई थी।
आगरा के रझौला निवासी हरिमोहन सिंह चाहर की नियुक्ति प्राथमिक स्कूल बरकलीगंज खुटार में सहायक अध्यापक पद की गई थी। तीनों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई।
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने तीनों के टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी होने की रिपोर्ट भेजी है। बीएसए राकेश कुमार ने बताया कि तीनों की नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी हैं।

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