जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: स्कूल चलो अभियान के तहत बच्चों को लाने के
प्रयास हो रहे हैं, लेकिन नगर के कई स्कूलों में पुराने छात्र ही इन दिनों
स्कूल की चौखट से दूर दिखते हैं। गर्मी या फिर कोई और वजह। नौ बजे तक
कैंपस सूने दिखते हैं, वहां इक्का-दुक्का छात्र ही चहलकदमी करते मिलते हैं।
जागरण की टीम ने जब मंगलवार को कुछ स्कूलों का जायजा लिया तो ऐसे ही हालात दिखाई दिए। गुरुजी को खुद सोचना होगा कि बच्चे स्कूलों में क्यों नहीं आ रहे हैं।
दो-दो स्कूल और बच्चे भी थे मात्र दो
कोटला रोड पर संचालित होते हैं दो स्कूल। माता वाला बाग एवं रोशन गंज प्राथमिक स्कूल। जर्जर भवन में संचालित स्कूल में सुबह साढ़े आठ बजे तक मात्र दो बच्चे ही मौजूद थे। यहां तीन शिक्षक अखिलेश, गुंजन तथा सुमन वर्मा मिले। बच्चों के संबंध में कहा कि आ रहे होंगे। दो स्कूल में तीन शिक्षक थे बच्चे मात्र दो। यह दोनो बच्चे भी बाहर खुले में बैठे थे, जबकि शिक्षक अंदर कक्ष में।
आर्य नगर में मैडम कर रही थी बच्चों का इंतजार
शहर के बीचो-बीच में स्थित आर्य नगर स्कूल। प्रधानाध्यापक अनिल अपने कक्ष में थे। सुबह नौ बजे पहुंचने पर स्कूल के कई कक्षों में ताला पड़ा था। एक कक्ष में एक मैडम कुर्सी पर बैठकर बच्चों का इंतजार कर रही थी। इसी कक्ष में अन्य दो मैडम भी मौजूद थी। पूछने पर पता चला कि सभी आज ही बीटीसी परीक्षा ड्यूटी से लौटकर आई हैं। बच्चे अभी तक नहीं आए हैं, बुलाने जा रहे हैं।
सुखमलपुर निजामाबाद में हो रही थी पढ़ाई
टापा पैठ के निकट स्थित सुखमलपुर निजामाबाद स्कूल में साढ़े आठ बजे बच्चे पढ़ते मिले। एक कक्ष में शिक्षिकाएं बच्चों को पढ़ा रही थीं तो दूसरे कक्ष में बीटीसी प्रशिक्षु। यहां 140 बच्चे पंजीकृत हैं, साठ बच्चे उपस्थित थे।
सात बजे के स्कूल, मैडम को पता नहीं
प्राथमिक स्कूल रोशन गंज में शिक्षिका सुमन वर्मा साढ़े आइ बजे स्कूल पहुंची। जबकि विभाग द्वारा पहले ही मंगलवार से सुबह सात बजे स्कूल खोलने के आदेश हुए थे। कुछ यही हाल अन्य सभी स्कूलों में रहा। शिक्षकों का तर्क था कि जब बच्चों को सोमवार को समय बदलने की जानकारी नहीं दी तो स्कूल सुबह जल्दी कैसे खोलते। स्कूल का पहले से तो वक्त आठ बजे का था, ऐसे में शिक्षकों को इससे पहले पहुंचना चाहिए था।
'स्कूलों में उपस्थिति की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। हम इस संबंध में जानकारी करेंगे। जो शिक्षक देर से स्कूल आ रहे हैं, उनसे भी जवाब तलब किया जाएगा। स्कूल निर्धारित समय पर खुलेंगे और बंद होंगे।'
-तरुण कुमार, नगर शिक्षाधिकारी
फीरोजाबाद।
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जागरण की टीम ने जब मंगलवार को कुछ स्कूलों का जायजा लिया तो ऐसे ही हालात दिखाई दिए। गुरुजी को खुद सोचना होगा कि बच्चे स्कूलों में क्यों नहीं आ रहे हैं।
दो-दो स्कूल और बच्चे भी थे मात्र दो
कोटला रोड पर संचालित होते हैं दो स्कूल। माता वाला बाग एवं रोशन गंज प्राथमिक स्कूल। जर्जर भवन में संचालित स्कूल में सुबह साढ़े आठ बजे तक मात्र दो बच्चे ही मौजूद थे। यहां तीन शिक्षक अखिलेश, गुंजन तथा सुमन वर्मा मिले। बच्चों के संबंध में कहा कि आ रहे होंगे। दो स्कूल में तीन शिक्षक थे बच्चे मात्र दो। यह दोनो बच्चे भी बाहर खुले में बैठे थे, जबकि शिक्षक अंदर कक्ष में।
आर्य नगर में मैडम कर रही थी बच्चों का इंतजार
शहर के बीचो-बीच में स्थित आर्य नगर स्कूल। प्रधानाध्यापक अनिल अपने कक्ष में थे। सुबह नौ बजे पहुंचने पर स्कूल के कई कक्षों में ताला पड़ा था। एक कक्ष में एक मैडम कुर्सी पर बैठकर बच्चों का इंतजार कर रही थी। इसी कक्ष में अन्य दो मैडम भी मौजूद थी। पूछने पर पता चला कि सभी आज ही बीटीसी परीक्षा ड्यूटी से लौटकर आई हैं। बच्चे अभी तक नहीं आए हैं, बुलाने जा रहे हैं।
सुखमलपुर निजामाबाद में हो रही थी पढ़ाई
टापा पैठ के निकट स्थित सुखमलपुर निजामाबाद स्कूल में साढ़े आठ बजे बच्चे पढ़ते मिले। एक कक्ष में शिक्षिकाएं बच्चों को पढ़ा रही थीं तो दूसरे कक्ष में बीटीसी प्रशिक्षु। यहां 140 बच्चे पंजीकृत हैं, साठ बच्चे उपस्थित थे।
सात बजे के स्कूल, मैडम को पता नहीं
प्राथमिक स्कूल रोशन गंज में शिक्षिका सुमन वर्मा साढ़े आइ बजे स्कूल पहुंची। जबकि विभाग द्वारा पहले ही मंगलवार से सुबह सात बजे स्कूल खोलने के आदेश हुए थे। कुछ यही हाल अन्य सभी स्कूलों में रहा। शिक्षकों का तर्क था कि जब बच्चों को सोमवार को समय बदलने की जानकारी नहीं दी तो स्कूल सुबह जल्दी कैसे खोलते। स्कूल का पहले से तो वक्त आठ बजे का था, ऐसे में शिक्षकों को इससे पहले पहुंचना चाहिए था।
'स्कूलों में उपस्थिति की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। हम इस संबंध में जानकारी करेंगे। जो शिक्षक देर से स्कूल आ रहे हैं, उनसे भी जवाब तलब किया जाएगा। स्कूल निर्धारित समय पर खुलेंगे और बंद होंगे।'
-तरुण कुमार, नगर शिक्षाधिकारी
फीरोजाबाद।
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