अलीगढ़: अब से उच्च शिक्षा में पढ़ाई के गिरते स्तर
पर जल्द ही नकेल कसने की संभावना बनती दिख रही है। गुणवत्ता सुधार के लिए
यूजीसी ने सभी कॉलेजों के असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पढ़ाने
का समय तय कर दिया है।
असिस्टेंट प्रोफेसर को सप्ताह में 16 घंटे और एसोसिएट प्रोफेसर को 14 घंटे की पढ़ाई के साथ 40 घंटे हर हफ्ते अनिवार्य रूप से पढ़ाना होगा।
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असिस्टेंट प्रोफेसर को सप्ताह में 16 घंटे और एसोसिएट प्रोफेसर को 14 घंटे की पढ़ाई के साथ 40 घंटे हर हफ्ते अनिवार्य रूप से पढ़ाना होगा।
पिछले काफी समय से उच्च शिक्षा की
गुणवत्ता को लेकर कई बड़े सवाल खड़े होते रहते है। कहीं शिक्षकों का कॉलेज
में समय से न आना, तो कहीं कॉलेज आकर भी क्लास न लेना जैसी बातें सामने आती
रहती हैं। इसको देखते हुए यूजीसी ने अब प्रोफेसरों पर लगाम लगाने का मन
बना लिया है। इसके लिए तृतीय संशोधन-2016 में प्रोफेसरों का पढ़ाने का समय
तय कर दिया गया है।
नई गाइडलाइन से ये बदलाव होंगे
180 शैक्षिक दिवस में प्रति सप्ताह उन्हें अनिवार्य रूप से 40 घंटे पढ़ाई करवानी ही होगी। सप्ताह में छह घंटे ट्यूटोरियल, सेमिनार सहित अन्य गतिविधियों के लिए भी समय निकालना होगा। नियमों का पालन करना शिक्षक के लिए अनिवार्य नहीं तो प्रमोशन और वेतनवृद्धि रुकेगी।
180 शैक्षिक दिवस में प्रति सप्ताह उन्हें अनिवार्य रूप से 40 घंटे पढ़ाई करवानी ही होगी। सप्ताह में छह घंटे ट्यूटोरियल, सेमिनार सहित अन्य गतिविधियों के लिए भी समय निकालना होगा। नियमों का पालन करना शिक्षक के लिए अनिवार्य नहीं तो प्रमोशन और वेतनवृद्धि रुकेगी।
एसवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एके दीक्षित
ने कहा कि यूजीसी की इस गाइडलाइन शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के हिसाब से
काफी अच्छी है। अगर शिक्षकों का पढ़ाने का समय बढ़ेगा, तो इसका फायदा छात्रों
को भी होगा और कॉलेजों में भी पढ़ाई का अच्छा माहौल बनेगा। हालांकि यूजीसी
ने गाइडलाइन तो जारी कर दी है, लेकिन राज्यपाल की ओर से इसको स्वीकृति
मिलने के बाद ही कॉलेज में शुरू किया जाएगा।
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