एडेड कॉलेजों के मानदेय शिक्षक होंगे स्थायी, मानदेय पर पढ़ाने वाले शिक्षकों को तोहफा

प्रदेश सरकार एडेड (अशासकीय) स्नातक व स्नातकोत्तर कॉलेजों में मानदेय पर पढ़ाने वाले शिक्षकों को तोहफा देने जा रही है। इन्हें स्थायी किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जो जुलाई तक पूरी होने की उम्मीद है। इन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर का दर्जा मिलेगा।

प्रदेश सरकार के इस निर्णय का लाभ सूबे के करीब पांच सौ कॉलेजों में मानदेय पर पढ़ाने वाले शिक्षकों को मिलेगा। इन कॉलेजों में तकरीबन 300 ऐसे शिक्षक हैं जो शर्तो को पूरा करते हैं। जिसमें मेरठ-सहारनपुर मंडल के 50 कॉलेजों के 30 शिक्षक भी शामिल हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से ऐसे शिक्षकों का ब्योरा मांगा है। ज्यादातर कॉलेजों ने मानदेय पर पढ़ाने वाले शिक्षकों का ब्योरा सौंप दिया है। अगले सप्ताह तक यह ब्योरा उच्च शिक्षा निदेशालय को भेज दिया जाएगा।
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स्थायी होने के लिए अनिवार्य शर्ते
-उन्हीं शिक्षकों को स्थायी किया जाएगा, जिनका चयन रिक्त व अनुमोदित पद पर नियमानुसार किया गया है।
-मानदेय शिक्षकों को यूजीसी द्वारा निर्धारित अर्हता पूरी करनी होगी
-मानदेय पर तीन साल की लगातार सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षकों को ही स्थायी किया जाएगा।
- सेवा काल की गणना स्थायी होने की तिथि से की जाएगी
-शिक्षकों को स्थायी करने पर उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की संस्तुति जरूरी होगी
स्थायी होने की तिथि से होगी पेंशन की गणना : उच्च शिक्षा निदेशालय के अनुसार मानदेय पर पढ़ाने वाले शिक्षकों के पेंशन की गणना उनके स्थायी होने की तिथि से की जाएगी।

मानदेय पर नियुक्ति करने पर रोक मानदेय पर पढ़ाने वाले शिक्षकों को स्थायी करने के साथ ही प्रदेश सरकार ने अब मानदेय पर नियुक्ति पर भी रोक लगा दी है। अब कोई एडेड स्नातक व स्नातकोत्तर कॉलेज मानदेय या संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सकेगा। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के अनुसार आदेश भी जारी हो गया है।
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