लखनऊ: उत्तर प्रदेश
में पालीटेक्निक संस्थानों में बेरोजगार युवकों को तकनीकी कौशल में दक्ष
किया जायेगा। प्राविधिक शिक्षा राज्य मंत्री फरीद महफूज किदवई ने आज यहां
बताया कि बेरोजगार नवयुवकों को तकनीकी कौशल में प्रशिक्षण प्रदान करने के
लिये प्राविधिक शिक्षा विभाग राज्य की विभिन्न पॉलीटेक्निक संस्थाओं के
माध्यम से कौशल विकास योजना का क्रियान्वित करेगा।
उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में कौशल
विकास की अपार संभावनाएं हैं। कौशल विरासत एवं औपचारिक शिक्षा का समावेश
करते हुए छात्रों को शिक्षित करना चाहिए। देश की अर्थव्यवस्था में योगदान
के लिए कुशल एवं नवीन तकनीकी से प्रशिक्षित युवा कार्य शक्ति की भारी कमी
हैं। स्किल्स इन्स्टीट््यूट द्वारा तकनीकी रुप से कुशल युवाओं के कार्य बल
को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न पॉलीटेक्निक संस्थाओं में
कौशल आधारित कार्यक्रमों के विस्तार पर विशेष बल दिया जा रहा है।
किदवई ने बताया कि क्षेत्रीय आवश्यकताओं
का आंकलन करने के लिये प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा मण्डल स्तर पर
मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में गोष्ठियां आयोजित की गई, जिसमें उद्योगों के
प्रतिनिधियों, उच्चशिक्षण संस्थानों के विद्वानों तथा जनप्रतिनिधियों ने
भाग लिया। उन्होने बताया कि क्षेत्रीय आवश्यकताओं के मद्देनजर विभिन्न
जिलों में टेक्सटाइल, कप्यूटर, आई0टी0, इलैक्ट्रिकल, इलैक्ट्रानिक्स,
ऑटोमोबाइल इंजीनियर, एग्रीकल्चर इंजीनियर, लेदर/फुटवियर, एसी मैकेनिक,
फूडप्रोसेसिगं एण्ड प्रिजरवेशन, केमिकल एवं ग्लास में शिक्षित बेरोजगार
नवयुवकों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये चिन्हित किया गया है।
प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि कृषि उत्पादों कीे पैदावार को
बढ़ाने के लिये थ्रेसर, कल्टीवेटर, ट्रैक्टर, ड्रिलर के रख-रखाव की बहुत
मांग है। इसको ध्यान में रखते हुए गाजीपुर में प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे
कुशल कामगारों की जनशक्ति उपलध होगी जो प्रदेश भर में कृषि अभियन्त्रण के
क्षेत्र में काम करके उपकरणों के रख-रखाव मेंटनेंस करके धन कमा सकेंगे।
किदवई ने कहा कि फिरोजाबाद काँच का
सामान बनाने के लिए प्रसिद्ध है मगर उसे आधुनिक परिवेश में ढालने की
आवश्यकता है। आधुनिक उत्पादों के अतिरिक्त नवीन तकनीकों का उपयोग भी इस
उद्योग द्वारा किया जाना चाहिए। विदेशों से आयात किये जाने वाले कॉच के बने
आकर्षक उत्पादों की मांग को देखते हुए फिरोजाबाद में स्थापित ग्लास
इंडस्ट्री के लिये नौजवानों को नई तकनीक में प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्राविधिक शिक्षा की प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने बताया कि कानपुर एवं
आगरा में चमड़े के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक एवं डिजायन संबंधी प्रशिक्षण
प्रदान किया जाएगा।
बाजार में उपलब्ध नई डिजायनों के
उत्पादों जूते, पर्स, बेल्ट, जैकट इत्यादि के निर्माण में प्रयोग हो रही नई
विधाओं के ²ष्टिगत नवीन तकनीकी से प्रशिक्षण प्रदान कर इन जिलों में
स्थापित उद्योगों के लिये कुशल कामगार उपलब्ध हो सकेेंगे। वस्त्र उद्योग
में नए डिजाइन, कढ़ाई, बुनाई, आधुनिक परिधानों के लिये डिजायनर्स के सहयोग
से वाराणसी एवं फर्रूखाबाद में प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही छपाई के लिये
नवीन तकनीक एवं उपकरण, डिजिटल प्रिन्टिगं, कपड़े की प्रोसेसिंग एवं
प्रिटिंग के काम में प्रशिक्षण देकर कुशल कामगार तैयार किए जायेगे।
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