लखनऊ.
राष्ट्रपति/राज्य अध्यापक पुरस्कार में बड़ी धांधली का आरोप लगा है। उत्तर
प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र का कहना है कि
राष्ट्रपति/राज्य अध्यापक पुरस्कार साल 2015 के लिए भारत सरकार के
निर्देशों के विपरीत किए गए अनियमित तरह से पुरस्कार चयन किया गया है।
वहीं शिक्षक संघ पुरस्कार चयन निरस्त किए जाने की मांग को लेकर जिला संगठन चरणबद्ध तरीके से संंघर्ष करेगा।
यह हैं आरोप
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रपति/राज्य अध्यापक पुरस्कार चयन के लिए दिए गए निर्देशो में साक्षात्कार की व्यवस्था नहीं है किन्तु भ्रष्टाचारयुक्त चयन करने के लिए पिछले दो साल से साक्षात्कार की व्यवस्था लागू की गई जिसके अनुसार गत वर्ष (2014) तक जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा प्रेषित बुकलेट के मूल्यांकन के 80 अंक तथा साक्षात्कार के लिए 20 अंक निर्धारित थे।
इस तरह से बढ़ाए गए अंक
शिक्षक नेताओं ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि इस साल की शुरुआत में जब बुकलेट का मूल्यांकन किया गया तब उस समय बुकलेट का मूल्यांकन 80 अंको के आधार पर किया गया और साक्षात्कार के लिए 20 अंक निर्धारित थे लेकिन आर्थिक और राजनीति दबाव के साथ पुरस्कार चयन के लिए कुछ संस्तुतियां राज्य चयन समिति के अध्यक्ष के पास थी जिनको बुकलेट के मूल्यांकन में कम अंक मिले थे। चूँकि लाखो रूपयों की डीलिंग हो चुकी थी इसलिए उनका पुरस्कार के लिए चयन भी अापत्तिजनक था। ऐसी स्थिति में राज्य चयन समिति के अध्यक्ष/चयन समिति ने बुकलेट का मूल्यांकन 80 अंको का ही रखा (जो अब 50 अंक का नहीं हो सकता था) लेकिन साक्षात्कार के अंक बढ़ाकर 20 अंक के स्थान पर 50 अंक निर्धारित कर दिए गए और मनचाहे डीलिंग वाले प्रधानाचार्यो /शिक्षको को राष्ट्रपति/राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयन कर लिया।
शिक्षक नेताओं ने आरोप लगाया कि इतिहास में पहली बार राजकीय विद्यालयों के 08 में से 05 प्रधानाचार्यो/अध्यापकों का चयन हुआ क्योंकि राज्य चयन समिति के अध्यक्ष के लिए भ्रष्ट शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से लेन-देन करना आसान था तथा राजकीय शिक्षकों को 5 वर्ष का सेवाविस्तारण मिलने के कारण उनसे 20-25 लाख की वसूली किया जाना भी आसान था। शिक्षक नेताओं ने राज्य चयन समिति के अध्यक्ष को सलाह दी की इससे बेहतर होता कि पुरस्कार खरीदने का विज्ञापन निकाला गया होता चाहे मनमाफिक डीलिंग के लिए साक्षात्कार के अंक बढ़ाकर 50 अंक से 100 अंक कर दिये गये होते।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि भारत सरकार द्वारा विभिन्न स्तरो पर शिक्षकों के चयन के लिए निम्न निर्देश दिए गए है-
1. स्थानीय समाज में शिक्षक की ख्याति।
2. उसकी शैक्षिक दक्षता तथा उसमें सुधार लाने के लिए उसकी चेष्टा।
3. बच्चों के प्रति उनका स्वाभाविक रूचि और स्नेह।
4. समाज के सामाजिक जीवन में उसकी भागीदारी।
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वहीं शिक्षक संघ पुरस्कार चयन निरस्त किए जाने की मांग को लेकर जिला संगठन चरणबद्ध तरीके से संंघर्ष करेगा।
यह हैं आरोप
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रपति/राज्य अध्यापक पुरस्कार चयन के लिए दिए गए निर्देशो में साक्षात्कार की व्यवस्था नहीं है किन्तु भ्रष्टाचारयुक्त चयन करने के लिए पिछले दो साल से साक्षात्कार की व्यवस्था लागू की गई जिसके अनुसार गत वर्ष (2014) तक जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा प्रेषित बुकलेट के मूल्यांकन के 80 अंक तथा साक्षात्कार के लिए 20 अंक निर्धारित थे।
इस तरह से बढ़ाए गए अंक
शिक्षक नेताओं ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि इस साल की शुरुआत में जब बुकलेट का मूल्यांकन किया गया तब उस समय बुकलेट का मूल्यांकन 80 अंको के आधार पर किया गया और साक्षात्कार के लिए 20 अंक निर्धारित थे लेकिन आर्थिक और राजनीति दबाव के साथ पुरस्कार चयन के लिए कुछ संस्तुतियां राज्य चयन समिति के अध्यक्ष के पास थी जिनको बुकलेट के मूल्यांकन में कम अंक मिले थे। चूँकि लाखो रूपयों की डीलिंग हो चुकी थी इसलिए उनका पुरस्कार के लिए चयन भी अापत्तिजनक था। ऐसी स्थिति में राज्य चयन समिति के अध्यक्ष/चयन समिति ने बुकलेट का मूल्यांकन 80 अंको का ही रखा (जो अब 50 अंक का नहीं हो सकता था) लेकिन साक्षात्कार के अंक बढ़ाकर 20 अंक के स्थान पर 50 अंक निर्धारित कर दिए गए और मनचाहे डीलिंग वाले प्रधानाचार्यो /शिक्षको को राष्ट्रपति/राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयन कर लिया।
शिक्षक नेताओं ने आरोप लगाया कि इतिहास में पहली बार राजकीय विद्यालयों के 08 में से 05 प्रधानाचार्यो/अध्यापकों का चयन हुआ क्योंकि राज्य चयन समिति के अध्यक्ष के लिए भ्रष्ट शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से लेन-देन करना आसान था तथा राजकीय शिक्षकों को 5 वर्ष का सेवाविस्तारण मिलने के कारण उनसे 20-25 लाख की वसूली किया जाना भी आसान था। शिक्षक नेताओं ने राज्य चयन समिति के अध्यक्ष को सलाह दी की इससे बेहतर होता कि पुरस्कार खरीदने का विज्ञापन निकाला गया होता चाहे मनमाफिक डीलिंग के लिए साक्षात्कार के अंक बढ़ाकर 50 अंक से 100 अंक कर दिये गये होते।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि भारत सरकार द्वारा विभिन्न स्तरो पर शिक्षकों के चयन के लिए निम्न निर्देश दिए गए है-
1. स्थानीय समाज में शिक्षक की ख्याति।
2. उसकी शैक्षिक दक्षता तथा उसमें सुधार लाने के लिए उसकी चेष्टा।
3. बच्चों के प्रति उनका स्वाभाविक रूचि और स्नेह।
4. समाज के सामाजिक जीवन में उसकी भागीदारी।
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