UPTET Vs Academic: शिव कुमार पाठक जी और उनके वकील श्री खरे साहब का एक और कारनामा

UPTET Vs Academic: शिव कुमार पाठक जी और उनके वकील श्री
खरे साहब का एक और कारनामा आज आया जूनियर स्पेशल अपीलों के

आदेश के पेज संख्या 32 पर पढें जो निम्न है
शिव कुमार पाठक जी और उनके वकील श्री खरे साहब का एक और कारनामा आज आये जूनियर स्पेशल
अपीलों के आदेश के पेज संख्या 32 पर पढें जो निम्न है
72825 में चयनित मेरे अजीज दोस्तों
उत्तर प्रदेश में चल रही प्राथमिक भर्तियों के एक मात्र मसीहा याची श्री शिव कुमार पाठक जी और उनके वकील श्री खरे साहब का एक और कारनामा आज आये जूनियर स्पेशल अपीलों के आदेश के पेज संख्या 32 पर पढें जो निम्न है

Sri Khare has clarified that it is not the contention of the petitioner that TET marks alone form the basis for selecting a particular candidate. He submits that the use of the word "weightage" in Para 9(b) clearly mandates some credence and weight being attached and accorded to marks obtained in the TET Examination. Referring to the Appendix to the 1981 Rules as it existed prior to the 12th Amendment, Sri Khare submits that the said Appendix came into play only in a case where there were candidates who had passed the training course in the same year.
उपरोक्त लाइनों में खरे साहब इसमें कह रहे हैं कि उनका याची इस बात से सहमत है कि अकेले टेट परीक्षा के प्राप्तांको पर भर्ती नही हो सकती है अर्थात पूर्णतः टेट मेरिट नही बन सकती है उसका कुछ ना कुछ वेटेज जोड़ना अनिवार्य है।
अब आप स्वयं मन्थन करें जब माननीय दीपक मिश्रा जी के समक्ष इस स्पेशल अपील का आदेश रखा जाएगा और विपक्षी वाकील जब बोलेगा कि समान वकील समान याची के लिए दो तरह की दलीलें दे रहा है , तब माननीय दीपक मिश्रा जो स्वयं राज्य सरकार को अन्य राज्यों में प्रचलित टेट भर्ती नियमावली 06 जुलाई 2015 के आदेश में कोर्ट में वाचन करने को कह चुके हैं, 22 फ़रवरी 2017 को क्या निर्णय करेंगे।
72825 लोगों और टेट मेरिट के साथ श्रीमान पाठक जी के द्वारा चन्दामोह में बहुत बड़ी गद्दारी की गई है।
जिनके जीवन का आधार केवल टेट मेरिट है उन्हें अब से चेत जाना चाहिए।
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