साल में दो बार टीईटी कराना जरूरी: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने बेसिक शिक्षा विभाग को भेजा पत्र

इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता साल में दो बार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराना अनिवार्य होगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर टीईटी के संबंध में दिशानिर्देश भेजे हैं। इस पर शुक्रवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद लखनऊ में बैठक बुलाई गई है।
अभी जो नियम है, उसके अनुसार टीईटी पास करने के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 60 प्रतिशत और आरक्षित अभ्यर्थियों के लिए 55 प्रतिशत अंक पाना जरूरी है। एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार अभ्यर्थियों को सभी पांच विषयों में से प्रत्येक में 35.33 प्रतिशत अंक जरूरी है। अन्य राज्यों में इंटर बाद ही शिक्षक प्रशिक्षक कोर्स कराए जाते हैं। जबकि यूपी में स्नातक के बाद बीटीसी में प्रवेश दिया जाता है। इस पर भी बैठक में चर्चा होगी। 2011 में फ्री एवं बाल शिक्षा का अधिकार लागू होने के बाद से सिर्फ 2016 में दो बार टीईटी हो सका।

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