अगर सरकार निम्न बिन्दुओं पर विचार कर करे बायोमेट्रिक योजना लागू, तो शिक्षकों के होगा हित में

आजकल बायोमैट्रिक उपस्धिति का विषय चर्चा में है। और हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन क्या विरोध के अलावा कोई दूसरा रास्ता हम लोग नहीं निकाल सकते। योजना खराब नही है, लेकिन इसे लागू करने का तरीका सही नही है।
अगर सरकार निम्न बिन्दुओं पर विचार करके योजना लागू करे तो अधिकांश शिक्षक इसे अपना सकते हैं

1.सर्व प्रथम शिक्षकों को उनके गृह जनपद या पास के जिले में ट्रांसफर किया जाये जिससे वह परिवार की चिन्ता से मुक्त रहे।

2.उसे मिड डे मील सहित सभी गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त किया जाये।

3.अगर कभी चुनाव या अन्य किसी आवश्यक राष्ट्रीय कार्य में शिक्षक को लगाया जाता है तो उसे वायोमैट्रिक से बाहर रखा जाये।

4.सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिक्षकों को अवकाश अन्य विभागों की तरह मिलें यानि कि CL-12, AL-16 , तथा GL-6  । मतलव ये कि शिक्षकों को साल मे कम सेकम 34 अवकाश मिलें जिन्है वह अपनी सुविथानुसार ले सके।

5. 14 Casule में किस विभाग का कर्मचारी पूरी साल काट देगा? कभी स्वयं की वीमारी तो कभी घर बालों की, कभी शादी,व्याह तो कभी गमी-मौत। कई वार आकस्मिक घटना जैसे -पानी बरस जाना या वाइक पँचर हो जाना या अन्य अनेक कारण होते है।जिस कारण CL लेनी पडती है।

6. और जेा अवकाश AL या GL शेष रह जायें उन्हें अगले सत्र के अवकाश मे जोड़ा जाय। तथा अवशेष CL का नकदीकरण किया जाय।

7.बच्चों की उपस्थिति की जिम्मेदारी अभिभावक की होनी चाहिये , गुणवत्ता की हमारी।

उपरोक्त बातों पर अगर हमारे शिक्षक संगठन सरकार एवं अधिकारियों से बार्ता करके हल निकाल सकें तो इस योजना को लागू करना आसान हो सकता है।
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