पीलीभीत : जिला बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से अनुसूचित जनजाति के सहायक अध्यापक पद पर एससी महिला की नियुक्ति कर दी गई, जिससे विभाग में खलबली मच गई। बीएसए दफ्तर से नियुक्ति पत्रावली भी गायब है। इस मामले की बीएसए को जानकारी दे दी गई।
जनपद में 16448 नियुक्ति प्रक्रिया में 58 पद थे, जिसमें 57 पद पर भर्ती हो गई। एक पद अनुसूचित जनजाति का रिक्त पद छोड़ दिया गया। खंड शिक्षा अधिकारी मरौरी गंगा प्रसाद गौतम ने नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी मांगी थी, जिसमें अनुसूचित जनजाति के रिक्त पद पर रामेश्वरी देवी पुत्री नेमचंद्र की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय भानडांडी में होना बताया गया। तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी ने ज्वाइ¨नग को प्रमाणित भी किया। बीएसए दफ्तर से गलत नियुक्ति के बारे में बीईओ को जानकारी दी गई थी। वर्तमान में इन नियुक्तियों पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। पटल सहायक सौरभ सक्सेना के बिना संज्ञान में लाए ही सहायक अध्यापक पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर दी गई। नियुक्ति न होने पर महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर बीएसए को प्रकरण निस्तारण करने के आदेश दिए गए थे। महिला ने आठ जुलाई को कार्यभार ग्रहण किया है। यह नियुक्ति तत्कालीन बीएसए के समय की है। बीएसए डॉ.इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि नियुक्ति प्रकरण की जानकारी नहीं है। इस मामले को दिखवाया जाएगा।
बच्चे कम दिखाकर किया जा रहा सरप्लस
जनपद के परिषदीय स्कूलों में 316 शिक्षक-शिक्षिकाओं को सरप्लस दिखाया गया है। इनमें से कई स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक हैं, लेकिन बीएसए दफ्तर के रिकार्डों में बच्चों की संख्या काफी कम दर्ज है। ऐसे कई शिक्षक बीएसए दफ्तर के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं। बच्चों की संख्या कम दिखाकर शिक्षक शिक्षिकाओं को इधर-उधर तैनात देकर खेल किया जाएगा।
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जनपद में 16448 नियुक्ति प्रक्रिया में 58 पद थे, जिसमें 57 पद पर भर्ती हो गई। एक पद अनुसूचित जनजाति का रिक्त पद छोड़ दिया गया। खंड शिक्षा अधिकारी मरौरी गंगा प्रसाद गौतम ने नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी मांगी थी, जिसमें अनुसूचित जनजाति के रिक्त पद पर रामेश्वरी देवी पुत्री नेमचंद्र की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय भानडांडी में होना बताया गया। तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी ने ज्वाइ¨नग को प्रमाणित भी किया। बीएसए दफ्तर से गलत नियुक्ति के बारे में बीईओ को जानकारी दी गई थी। वर्तमान में इन नियुक्तियों पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। पटल सहायक सौरभ सक्सेना के बिना संज्ञान में लाए ही सहायक अध्यापक पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर दी गई। नियुक्ति न होने पर महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर बीएसए को प्रकरण निस्तारण करने के आदेश दिए गए थे। महिला ने आठ जुलाई को कार्यभार ग्रहण किया है। यह नियुक्ति तत्कालीन बीएसए के समय की है। बीएसए डॉ.इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि नियुक्ति प्रकरण की जानकारी नहीं है। इस मामले को दिखवाया जाएगा।
बच्चे कम दिखाकर किया जा रहा सरप्लस
जनपद के परिषदीय स्कूलों में 316 शिक्षक-शिक्षिकाओं को सरप्लस दिखाया गया है। इनमें से कई स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक हैं, लेकिन बीएसए दफ्तर के रिकार्डों में बच्चों की संख्या काफी कम दर्ज है। ऐसे कई शिक्षक बीएसए दफ्तर के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं। बच्चों की संख्या कम दिखाकर शिक्षक शिक्षिकाओं को इधर-उधर तैनात देकर खेल किया जाएगा।
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