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महिलाओं के लिए काम के आधार पर राज्यों की रेटिंग, नई राष्ट्रीय महिला नीति के मसौदे में किया गया प्रावधान

देश में महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए प्रस्तावित नई राष्ट्रीय महिला नीति पर समुचित सुनिश्चित करने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
इसलिए नीति के मसौदे को मंजूरी देने वाले मंत्रियों के समूह ने मसौदे में ही इसका प्रावधान कर दिया है। महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक स्थिति, सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा जैसे मानकों पर लक्ष्य तय किए जाएंगे। इन मानकों के आधार पर राज्यों के प्रदर्शन का आकलन होगा और उनकी सालाना रेटिंग होगी।1दैनिक जागरण के पास उपलब्ध नीति के मसौदे में स्पष्ट कहा गया है कि इन मानकों के लिए तय लक्ष्यों को प्राप्त करना राज्यों के गवर्नेस को दर्शाएगा। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा आदि संकेतकों पर कैसा काम कर रहे हैं, यह उनका सालाना प्रदर्शन तय करेगा। मसौदे में इसके लिए एक एक्शन प्लान तैयार करने की बात भी कही गई है। 1इस एक्शन प्लान के तहत राज्यों की उपलब्धि क्या रही या वे इस पर कैसा काम कर रहे हैं, इस पर निगरानी रखने के लिए एक अंतर मंत्रलयी समिति गठित करने का भी प्रस्ताव है। इसके लिए ऐसा तंत्र विकसित किया जाएगा जिसके साथ राज्य और अन्य स्तरों पर समन्वय बनाया जा सके। प्रत्येक राज्य में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य महिला उच्चाधिकार समिति के गठन का भी प्रावधान नीति के मसौदे में किया गया है।इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट अथवा जिला कलेक्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला महिला उच्चाधिकार प्राप्त टास्क फोर्स भी गठित की जाएगी।1मसौदे में कहा गया है कि सरकार को इस तरह की नीति बनानी होगी जिससे सेल्फ हेल्प ग्रुप की मुहिम को प्रोत्साहन दिया जा सके। नई नीति को जमीन पर उतारने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय प्रशासन के स्तर पर एक व्यापक और प्रभावी रणनीति की आवश्यकता होगी।’>>महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक स्थिति, सुरक्षा पर तय होगा राज्यों का प्रदर्शन1’>>राज्यों को दिए लक्ष्य पूरा करने की निगरानी के लिए बनाई जाएगी अंतर मंत्रलयी समिति

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