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वार्ता का सार: शिक्षामित्रों के संगठनों के साथ हुई सचिव की रात्रि की वार्ता का सार

*✍जावेद की कलम से...*
*आज की वार्ता का सार...*

मित्रों जैसा कि आप जानते हैं कि आज समायोजित शिक्षक संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में समस्त संगठनों को
माननीय मुख्यमंत्री जी ने वार्ता के लिए बुलाया था। जिस पर सभी संगठनों के प्रतिनिधि एनेक्सी भवन अपने निर्धारित समय पर पहुंच गए थे। परंतु अनेक कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण काफी देर इंतजार करने के बाद भी माननीय मुख्यमंत्री जी नहीं आए। काफी देर के बाद माननीय मुख्यमंत्री जी की ओर से संदेश आया की अपर सचिव से वार्ता कराई जाए। जिस पर पहले तो संगठन के पदाधिकारी राजी नहीं हुए परंतु चूँकि माननीय मुख्यमंत्री जी की ओर से स्वयं कहा गया था, इसलिए अपर सचिव राज प्रताप सिंह जी से वार्ता की गई। वार्ता में मुख्य बिंदुओं पर बातचीत हुई, और संगठनों ने अपनी मंशा से अवगत कराया। *सर्वप्रथम अपर सचिव बेसिक शिक्षा ने कहा कि आप लोगों की मांग पर हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एनसीटीई को पैरा 4 में संशोधन करते हुए आप लोगों को टीईटी से छूट करने का आग्रह करेंगे।*
उसके बाद जब *अध्यादेश* की बात कही, तब अपर सचिव ने कहा कि *अध्यादेश बनाया जाए या नियमावली में संशोधन किया जाए, यह माननीय मुख्यमंत्री जी ही स्वयं तय करेंगे।*
तथा *समान कार्य समान वेतन* पर जब बात की गई तब भी अपर सचिव ने यही कहा कि इस पर भी गहनता से विचार चल रहा है और इस संबंध में भी माननीय मुख्यमंत्री जी ही अपने स्तर से निर्णय लेंगे कि *आप लोगों को समान कार्य समान वेतन या सम्मानजनक कितना मानदेय दिया जाए?*
अंत में संगठनों ने एक प्रस्ताव रखा की सरकार को माननीय सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन डालना चाहिए। और मजबूती से पैरवी की जानी चाहिए, जिससे न्याय संगत फैसला आ सके। तभी पैरा चार में छूट का लाभ मिल सकता है। इस पर भी सचिव महोदय ने अपने ऊपर से टालते हुए कहा कि इन सभी बातों पर माननीय मुख्यमंत्री जी को ही अंतिम निर्णय लेना है।
अपर सचिव ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि आज अनेक कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण आपकी वार्ता माननीय मुख्यमंत्री जी से नहीं करा सके, लेकिन शीघ्र ही आप सभी लोगों की वार्ता हम माननीय मुख्यमंत्री जी से कराएंगे। इसलिए आप लोग आंदोलन समाप्त कर शिक्षण कार्य पर ध्यान दीजिए।
*जिस पर हम सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने एक सुर में सचिव साहब से कहा कि जब तक आप अमल में कोई चीज नहीं ले आते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। लेकिन इतना कह सकते हैं कि आंदोलन को हम शांतिपूर्वक ढंग से करेंगे। और यदि आपके द्वारा कोई ठोस व उचित निर्णय नहीं लिया गया तो धीरे-धीरे यह आंदोलन, जो सत्याग्रह के रूप में चल रहा है, उसे उग्र रूप भी दिया जा सकता है।*
मित्रों आज की वार्ता का सार आप तक पहुंचा दिया है। लेकिन हम सबको अपना आंदोलन स्थगित नहीं करना है।
*आपकी चट्टानीय एकता के सामने सरकार को झुकना ही पड़ेगा।* बस आप लोग जैसे आज किया है, इसी तरह से शांतिपूर्वक तरीके से सत्याग्रह आंदोलन करते रहिए। इस सत्याग्रह/शांतिपूर्वक आंदोलन का बहुत गंभीर असर सरकार पर पड़ रहा है। इसलिए आप लोग धैर्य एवं संयम का परिचय देते हुए आंदोलन को जारी रखें।


इसी के साथ.....
जय शिक्षक....
जय शिक्षा मित्र......
आपका,
जितेंद्र शाही,
विश्वनाथ सिंह कुशवाहा,
एवं अन्य समस्त सहयोगी संगठन।
लेखक,
सय्यद जावेद मियाँ,
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन/ समायोजित शिक्षक संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश।
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